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क्या 36 वर्षों बाद खत्म होगा अर्जेंटीना का इंतजार

स्पोर्ट्स डेस्क. अर्जेन्टीना रविवार को फाइनल में पिछली बार के चैम्पियन फ्रांस का सामना करेगा. अर्जेन्टीना के प्रशंसक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. इसके बावजूद अपने देश को 36 वर्ष बाद विश्वकप विजेता बनते हुए देखने के लिए बड़ी कुर्बानी देकर कतर पहुंच रहे हैं. दोहा की सड़कों पर अर्जेन्टीना के प्रशंसकों का जोश और जुनून देखा जा सकता है. वे ‘मुचाचोस’ नाम के गीत को गा रहे हैं, जो कि दक्षिण अमेरिकी देश के इन प्रशंसकों के लिए अनाधिकृत विश्वकप गान बन गया है.

बैनर के जरिए फाइनल का टिकट उपलब्ध कराने की मांग
कतर की राजधानी में सौक वक्फ बाजार के एक कोने में अर्जेन्टीना की आसमानी नीली और सफेद धारीदार जर्सी पहने एक युवा महिला फुटबॉल को अपने पांव से नचा रही थी. वहीं उसके चारों तरफ स्थानीय लोगों और पर्यटकों की भीड़ एकत्रित हो गई. उसके पास अंग्रेजी और अरबी भाषा में हाथ से लिखा बैनर था, जिसमें लुसैल स्टेडियम में होने वाले विश्वकप फाइनल का टिकट उपलब्ध कराने की मांग की गई थी.

मैंने अपनी सारी बचत खर्च कर दी है : गोडाइ
24 वर्षीय प्रशंसक बेलेन गोडोइ ने कहा कि, फुटबॉल मेरे लिए सब कुछ है. मैं अपना परिवार छोड़कर यहां आई हूं. मैंने अपनी सारी बचत खर्च कर दी है. मैं वापस ब्यूनस आयर्स लौट जाऊंगी और मैं नहीं जानती कि मैं कैसे अपना किराया चुकता करूंगी. लेकिन मैंने जो जिंदगी जी है, उसे मुझसे कोई नहीं छीन सकता. गोडोइ ने फिर से बिक्री के लिए रखे गए टिकटों को खरीद कर अर्जेन्टीना का लगभग हर मैच देखा है.

विश्वकप में अर्जेन्टीना का मैच देखने के लिए बेचा ट्रक

अर्जेन्टीना के कई ऐसे प्रशंसक हैं जो अपना बहुमूल्य सामान बेचकर यहां पहुंचे हैं. इनमें 34 वर्षीय क्रिस्टियन मशीनेली भी है, जिन्होंने विश्व कप में अर्जेन्टीना को खेलते हुए देखने के लिए अपना टोयोटा ट्रक बेच दिया. मशीनेली ने कहा कि, मैंने इसके लिए अपना ट्रक बेच दिया. मैंने अभी तक वही धनराशि यहां खर्च की है तथा मेरे पास फाइनल का टिकट खरीदने के लिए पर्याप्त धनराशि है. हम अर्जेन्टीनी फुटबॉल के दीवाने हैं और इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.

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