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CG वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह : शिवतराई की रागिनी की पेंटिंग देशभर में अव्वल,एटीआर मे न शिकार होने दिया न अतिक्रमण, दो पैदल गार्ड को मिला सम्मान

बिलासपुर। देहरादून में भारत सरकार पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता में बिलासपुर जिले के शिवतराई की रागिनी की पेंटिंग सर्वश्रेष्ठ चित्रकारी के लिए चयन कर पुरस्कृत किया गया। वन विभाग में वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने शिवतराई में प्रतियोगिता आयोजित की थी।

इसमें रागिनी ध्रुव ने इस पेंटिंग को तैयाार किया। टाइगर रिजर्व प्रबंधन को उनकी कलाकारी इतनी खूब लगी कि उन्होंने इसके दम पर छत्तीसगढ़ की आधिकारिक प्रविष्टि के लिए दावेदारी की। जिस पर मुख्य वन्यजीव संरक्षक सुधीर कुमार अग्रवाल ने मुहर लगाई और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए नामंकित करते हुए देहरादून भेजा। इस प्रतियोगिता के लिए देशभर के कलाकारों ने पेंटिंग भेजी थी।

चयन समिति ने रागिनी की पेंटिंग को सबसे श्रेष्ठ घोषित किया। शनिवार को इस पेंटिंग को पुरस्कार दिया गया। मालूम हो कि यह पुरस्कार देहरादून में वन्यजीव संस्थान में आयोजित वन्यजीव सप्ताह 2024 के स्मरणोत्सव के तहत 35वें वार्षिक शोध संगोष्ठी कार्यक्रम में घोषित किया गया।

शिकार होने दिया न अतिक्रमण, दो को मिला सम्मान

वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में अचानक टाइगर रिजर्व के पैदल गार्ड दिलीप सिंह कंवर और वन रक्षक मनमोहन सिंह राज को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। दोनों कर्मचारी अपने अनुशासन और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध है।

पैदल गार्ड दिलीप सिंह कंवर अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के छोटे से गांव कटामी के स्थानीय निवासी है और वही रहकर वे लगातार संरक्षण के लिए सह अस्तित्व के माध्यम से अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उनके प्रयासों में स्थानीय लोगों के साथ निकटता से काम करना पर्यावरण अनुकूलन प्रथाओं को बढ़ावा देना और लोगों के जीवन को प्रभावित किए बिना वन्य जीव संरक्षण को सफल बनाना शामिल है।

इसी तरह वन रक्षक मनमोहन सिंह राज परिसर रक्षक दियाबार (दो परिसरों का अतिरिक्त प्रभार) के द्वारा निरंतर अपने मुख्यालय में रहकर, अपने पैदल गार्ड के साथ समयबद्ध पेट्रोलिंग किया जाता रहा है, जिसके कारण उनके पूरे वृत्त का पैट्रोलिंग एटीआर में उत्कृष्ट रहा। उनके रहते अभी तक बीट में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं हुआ और न ही शिकार या अन्य अवैध गतिविधि दृष्टिगत हुई।

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