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बेइंतहा मोहब्बत के बाद भी आखिर क्यों एक-दूसरे से अलग हुए थे गुरू और गीता

मुंबई : वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण उर्फ गुरुदत्त जिन्होंने इंडस्ट्री में डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, एक्टर, कोरियोग्राफर और राइटर बनकर अपनी पहचान बनाई थी। कहते हैं, गुरुदत्त ने अपनी जिंदगी में जो चाहा वो उन्हें मिला, लेकिन कभी प्यार हासिल न कर पाए। कहा तो ये भी जाता है कि इसी चलते उनकी जिंदगी तन्हा हो गई और उन्होंने मौत को गले लगा लिया। उन्होंने बेहद छोटी उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

गुरुदत्त और गीता दत्त की लव स्टोरी ?

गुरुदत्त का पहला प्यार गीता दत्त थीं। दोनों की पहली मुलाकात फिल्म ‘बाजी’ के दौरान हुई थी। तीन साल दोनों ने एक दूसरे को डेट किया और फिर इस प्यार को शादी में बदल लिया। साल 1953 में गुरुदत्त और गीता ने शादी कर ली और दोनों के तीन बच्चे हुए। तरुण दत्त, अरुण दत्त और नीना दत्त हुए।

गीता और गुरुदत्त के बीच खटपट क्यों होने लगी ?

शादी के कुछ सालों बाद दोनों के रिश्ते में दरार आने लगी। शादी के चार साल बाद झगड़े शुरू हो गए और ये शादी टूटने के कगार पर आ गई, जिसका कारण थी वहीदा रहमान। एक दौर था जब इंडस्ट्री में दोनों के अफेयर को लेकर बॉलीवुड गलियारों में दिन रात चर्चा होती थी।

कहा जाता है कि दोनों की नजदीकियों के चलते ही गुरुदत्त और गीता दत्त के बीच खटपट होने लगी थी।  गुरुदत्त और वहीदा रहमान के अफेयर की खबरों से परेशान होकर गीता बच्चों के साथ अपने माता-पिता के घर चली गई थी।

गुरुदत्त कर रहे थे रिश्ते सुधारने की कोशिश ?

इन सबके के बीच गुरु गीता संग अपने रिश्ते सुधारने का एक और मौका ढूंढ रहे थे। उन्होंने पत्नी के लिए एक फिल्म शुरू की, लेकिन झगड़े इतने बढ़ गए कि दो दिन बाद ही फिल्म की शूटिंग रोकनी पड़ी थी। कहते है दोनों फिल्म के सेट पर ही लड़ा करते थे।

वहीं वहीदा रहमान भी गुरुदत्त को छोड़ चुकी थी। 10 अक्टूबर को वो दिन आया जब खबर आई की गुरुदत्त की मौत हो गई। वह अपने घर पर मृत पाए गए थे।  मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुरुदत्त की मौत के बाद गीता ने बहुत शराब पीनी शुरू कर दी। 1972 में लिवर सिरोसिस की बीमारी के चलते गीता दत्त की भी मौत हो गई।

भाई-भाभी के बिगड़ते रिश्ते का ललिता ने किया था खुलासा

गुरु दत्त की बहन ललिता लाजमी इनका इसी साल फरवरी में 90 साल की उम्र में निधन हुआ था। उन्होंने भाई और भाभी के रिश्तों पर खुलकर बात भी की थी। उन्होंने बताय था कि,  ‘लोगों को कहीं न कहीं लगता है कि वहिदा ही गुरु दत्त और गीता की जिंदगी में तूफान बनकर आई थी जबकि वहिदा और गुरु दत्त के बीच कभी वैसे संबंध थे ही नहीं। गुरु दत्त केवल वहिदा को पसंद करते थे। वहिदा को भी जब यह पता चला कि गुरु दत्त अपनी पत्नी से अलग हो गए और इसका कारण उन्हें माना जा रहा है तो वह भी गुरु दत्त से दूरियां बनाने लगीं।

उन्होंने आगे बताया था, जिस दिन गुरु का निधन हुआ था उस दिन बिना कुछ खाए ही गुरु दत्त ने खूब शराब पी और बाद में नींद न आने की वजह से नींद की गालियां खा लें। वह मरने के उद्देश्य से नहीं खाई गईं थी मगर, खालीपेट ऐसा करने से वह दुनिया से चल बसे।’

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