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पीएम से कोई कुछ क्यों नहीं कह रहा’, मराठा आरक्षण पर केंद्र की मंशा पर यूबीटी शिवसेना ने उठाए सवाल

sanjay raut

मुंबई : उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के सांसद संजय राउत ने मराठा आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए संविधान संशोधन की आवश्यकता है। साथ ही पूछा कि क्या मोदी सरकार शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित कोई प्रस्ताव लाएगी।

भाजपा नेताओं को पहल करनी होगी

संजय राउत ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए भाजपा नेताओं को पहल करनी होगी क्योंकि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने साथ ही सवालों की बौछार कर पूछा कि पीएम मोदी से इस मामले में भाजपा नेता और महाराष्ट्र के सीएम कुछ क्यों नहीं कहते हैं? क्या मोदी सरकार दिसंबर में होने वाले शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा कोई प्रस्ताव लाएगी?

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर आप आरक्षण देना चाहते हैं तो ओबीसी और अन्य समुदायों को कोई झटका नहीं लगना चाहिए। इसलिए सरकार को संवैधानिक संशोधन लाना होगा और इसके लिए आपको संसद में एक प्रस्ताव लाना होगा।’

31 दिसंबर से पहले फैसला नहीं लेना चाहती

संजय राउत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण पर 31 दिसंबर से पहले फैसला नहीं लेना चाहती, क्योंकि 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के लिए यह समय सीमा है। राउत ने यह भी दावा किया कि करीब एक साल पहले शिवसेना में विभाजन का हिस्सा रहे 16 विधायकों को ‘अयोग्य’ घोषित किया जा रहा है।

पिछले साल शिवसेना हुई थी विभाजित

पिछले साल जून में, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों के एक समूह ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया था यह कहते हुए कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करने का उद्धव का निर्णय पार्टी की हिंदुत्व विचारधारा के खिलाफ है। महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिंदे ने विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसने शिवसेना को विभाजित कर दिया।

नई सरकार पर डालना…

संजय राउत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को 31 दिसंबर की समयसीमा दी गई है और फैसला लेने के लिए कहा गया है। 31 दिसंबर के बाद मुख्यमंत्री के साथ-साथ 16 विधायक अयोग्य हो जाएंगे। इसलिए जारंगे पाटिल ने 24 दिसंबर और सरकार ने दो जनवरी की बात कही है। सरकार विधानसभा चुनाव के बाद यह जिम्मेदारी नई सरकार पर डालना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘सर्वदलीय बैठक से कुछ नहीं निकला। पूरे महाराष्ट्र का मराठा समुदाय मनोज जरंगे पाटिल का समर्थन कर रहा है।’

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