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पूजा-पाठ में क्यों जलाया जाता है घी का दीपक? जानिए इससे जुड़े जरूरी नियम

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व है। हर घर में देवी-देवताओं की पूजा विधि-विधान से की जाती है। इसके लिए चंदन-अक्षत, रोली-कुमकुम आदि से तिलक किया जाता है। उन्हें धूप-दीपक दिखाया जाता है। फल-फूल, मिठाइयां अर्पित की जाती है। इस दौरान घी का दीपक जलाया जाता है। इसके साथ ही हर शाम तुलसी के पास दीपक जलाया जाता है। कई घरों में रोजाना मुख्य द्वार पर दीपक जलाकर भी रखा जाता है। दीपक जलाने के लिए घी या अलग-अलग तरह के तेल का इस्तेमाल किया जाता है।

आइए जानते हैं कि घी का दीपक जलाने के क्या लाभ हैं और इससे जुड़े कुछ खास नियम

देवी-देवताओं के सामने दीपक जलाने से कई लाभ मिलते हैं। इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। साथ ही वातावरण में सकारात्मकता आती है और शुद्ध होता है। माना जाता है कि घर में शाम के समय घी का दीपक जलाने से लक्ष्मी जी हमेशा घर में वास करती हैं। साथ ही घर के कई वास्तु दोष भी दूर होते हैं।

शास्त्रों के अनुसार घी और तेल दोनों के दीपक जलाना काफी लाभ देता है। दोनों के लिए अलग-अलग नियम बताए गए हैं। घी का दीपक हमेशा बाईं ओर रखना चाहिए।

हनुमान जी को चमेली के तेल का और शनि देव को सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा अधिकतर देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष रूप से घी का दीपक जलाना चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में दीपक जलाते समय दिशाओं का भी ध्यान रखना चाहिए। गलत स्थान पर दीपक रखने से नुकसान हो सकते हैं। दीपक को घर में हमेशा पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

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