देवों के देव महादेव के नाम से भगवान शिव को जाना जाता है। उनके स्वभाव के अनुरूप कई नाम हैं, जिनमें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, गंगाधर सबसे अधिक प्रचलित हैं। महादेव के बारे में कहा जाता है कि वह बहुत सौम्य हैं और उतने ही ज्यादा रुद्र हैं। भगवान शिव इकलौते ऐसे है जिन्हें हर कोई प्रेम करता है। उनको देवता भी पसंद करते हैं तो असुरों में भी उतने ही लोकप्रिय हैं।
असुरों ने कई बार कठिन तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और वरदान प्राप्त किया। फिर भी कई बार आपके मन यह सवाल जरूर आता होगा कि हर-हर महादेव कहते समय हाथ ऊपर क्यों उठाया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि हर हर महादेव बोलने के दौरान हाथ ऊपर क्यों उठाया जाता है।
स्वयं को समर्पित करना
आप देखते हैं कि पूजा के दौरान जैसे ही हर-हर महादेव की पुकार होती है, वैसे ही सभी सभी लोग अपने हाथों को उठाकर हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हैं। ऐसा करते समय भक्त अपने आपको भगवान को समर्पित कर देता है। भक्त चाहते हैं कि भगवान जीवन की परेशानियों को हर कर उन्हें मोक्ष का वरदान दें।
सभी संकटों से मिलती है मुक्ति
हर-हर महादेव के जयकारे के समय हाथ ऊपर उठाने से भक्त आत्मकेंद्रित और उसके जीवन में एक बैलेंस बनता है। ऐसा भक्त कभी परेशान नहीं होता है। वह हमें शांति देता है। हमारी इंद्रियों पर हमारे काबू में होती हैं।