हमने केंद्र की किन योजनाओं को रोका? प्रधानमंत्री मोदी के आरोपों पर मुख्यमंत्री स्टालिन का सवाल

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि राज्य सरकार ने किन केंद्रीय योजनाओं को रोका है। स्टालिन ने कहा कि उन्होंने लोक कल्याण को ध्यान में रखते हुए जिन योजनाओं का विरोध किया उनमें राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (एनईईटी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) शामिल हैं।

स्टालिन प्रधानमंत्री मोदी के उस दावे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में केंद्र की योजनाओं को लागू करने में द्रमुक सरकार से सहयोग नहीं मिल पा रहा है। प्रधानमंत्री एक दिन पहले राज्य के दक्षिण हिस्से में तिरुनेलवेली में थे। यहां एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह दावा किया था।

स्टालिन ने प्रधानमंत्री के बार-बार होने वाले तमिलनाडु के दौरों का जिक्र किया और कहा कि उनके चेहर पर हार का डर साफ है और यह गुस्से के रूप में सामने आता है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री द्रमुक और उनकी सरकार को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में कहा, वह (प्रधानमंत्री मोदी) कहते हैं कि हम उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं को रोक रहे हैं। उनको यह जवाब देना आसान होगा कि वह (तमिलनाडु में) किन योजनाओं को लेकर आए, जिसके लिए हम बाधा थे।

उन्होंने पूछा कि क्या द्रमुक एम्स या मेट्रो रेल के खिलाफ है और क्या सरकार कभी केंद्रीय पहलों के लिए भूमि आवंटित करने से दूर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री आरोप लगा रहे हैं। क्या द्रमुक एम्स या मेट्रो रेल के खिलाफ है। क्या राज्य सरकार कभी केंद्रीय परियोजनाओं के लिए जमीन के आवंटन से दूर रही है। स्टालिन ने कहा, अगर द्रमुक केंद्र की कुछ पहलों का विरोध कर रही थी तो वह नीट और सीएए है। यह दोनों छात्रों और श्रीलंकाई शरणार्थियों के हितों के खिलाफ हैं।

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