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कब होगी डील? Sony और Zee के बीच चल क्‍या रहा है, अब सोनी ने दिया ये बड़ा बयान

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नई दिल्ली: ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Zee Entertainment) और सोनी इंडिया (Sony India) के बीच प्रस्तावित मर्जर अभी और समय लग सकता है। सोनी ग्रुप कॉर्प ने इस मर्जर को लेकर बड़ा बयान दिया है। सोनी ग्रुप कॉर्प ने कहा है कि उसकी स्थानीय मीडिया इकाई सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया का ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) के साथ विलय में कई महीनों की देरी होगी। वहीं यह भी कहा कि दोनों पक्ष इस सौदे को पूरा करने के लिए जरूरी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाएंगे। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी मीडिया कंपनियों में से एक बनाने के लिए। बता दें कि पहले सोनी ने सितंबर 2023 तक मर्जर पूरा होने की बात कहीं थी।

ये है देरी की वजह

सोनी ग्रुप ने एक बयान में कहा, “हालांकि लेनदेन पहले 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के अंत तक बंद होने की उम्मीद थी, लेकिन नवीनतम प्रगति के आधार पर, वर्तमान में इसके आने वाले महीनों में बंद होने की उम्मीद है।” विशेषज्ञों का कहना है कि देरी का मुख्य कारण कानूनी प्रक्रियाएं हो सकती हैं। टोक्यो स्थित समूह, जो बाजार मूल्य के हिसाब से जापान की चौथी सबसे बड़ी कंपनी है, ने लेनदेन बंद करने में देरी के पीछे कोई विशेष कारण नहीं बताया है। सोनी के चेयरमैन और सीईओ केनिचिरो योशिदा ने मई में कहा था, “इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के अंत तक, हम ZEEL के साथ विलय को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।”

शेयरों में तेजी

सोनी कॉर्प का बाजार पूंजीकरण 102 अरब डॉलर है। ज़ी एंटरटेनमेंट, जो विलय की प्रत्याशा में पिछले छह महीनों में लगभग एक चौथाई चढ़ गया है, का बाजार पूंजीकरण 25,410 करोड़ रुपये (लगभग 3 बिलियन डॉलर के बराबर) से अधिक है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर ज़ी के शेयर की कीमत शुक्रवार को लगभग 4% बढ़कर 264.10 रुपये हो गई। सोनी की घोषणा मुंबई में ट्रेडिंग घंटों के दौरान हुई।

लंबित मामले

टीएमटी लॉ के प्रैक्टिस मैनेजिंग पार्टनर अभिषेक मल्होत्रा के मुताबिक, कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) और प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) में चल रहे अदालती मामलों के कारण विलय में देरी हुई है। “ऐसा लगता है कि एक्सिस फाइनेंस द्वारा नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के आदेश को लंबित चुनौती, जिसमें आरोप लगाया गया है कि यह आदेश बाजार नियामक के फैसले के साथ-साथ पुनित गोयनका का उल्लंघन है, लेनदेन के पूरा होने में बाधा डालने वाला मुद्दा हो सकता है।

साल 2021 में हुआ था मर्जर

बता दें कि मर्जर की घोषणा दिसंबर 2021 में की गई थी। इसके तहत 70 से ज्यादा टीवी चैनल, दो वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाएं और दो फिल्म स्टूडियो एक साथ आएंगे। मर्जर के बाद शेयरधारकों को जी एंटरटेनमेंट के प्रत्येक सौ शेयरों के विलय की गई इकाई के 85 शेयर मिलेंगे। इसके बाद जी एंटरटेनमेंट का स्टॉक डी-लिस्ट हो जाएगा। वहीं मर्ज की गई कंपनी के रूप में नई लिस्टिंग हो जाएगी।

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