हिंदू धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है। हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार 5 नवंबर को कालाष्टमी है। इस दिन भगवान शिव के स्वरूप कालभैरव की पूजा की जाती है। तंत्र-मंत्र सीखने वाले जातक कालाष्टमी पर विशेष अनुष्ठान करते हैं। इस दिन भक्त कालभैरव को प्रसन्न करने के लिए पूजा करते हैं। मान्यता के अनुसार, कालाष्टमी व्रत करने से जीवन के दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं।
कालाष्टमी 2023 तिथि व शुभ समय
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 5 नवंबर को रात्रि 12.59 बजे शुरू होगी। अगले दिन 6 नवंबर को सुबह 3.18 बजे समाप्त होगी। कालाष्टमी का व्रत 5 नवंबर को रखा जाएगा।
कालाष्टमी व्रत पूजा विधि
कालाष्टमी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। घर की सफाई करें। फिर गंगाजल मिलाकर स्नान करें। व्रत का संकल्प करें। पूरे दिन व्रत रखें। प्रदोष काल में काल भैरव की पूजा की जाती है। रात के समय भी पूजा करनी चाहिए। फल, पुष्प, बेलपत्र, धतूरा, धूप-दीप, दूध और दही अर्पित कर कालभैरव की पूजा करना चाहिए। पूजन के दौरान शिव चालीसा, भैरव कवच और मंत्रों का जाप करना चाहिए। अंत में आरती करें। परिवार की सुख-समृद्धि और धन की कामना करें।