बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार कहे जाने वाले दिवंगत एक्टर राजेश खन्ना की दीवानगी किसी से छिपी नहीं रही। शानदार अभिनय के बूते काका ने फैंस के दिलों पर

मुंबई : बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार कहे जाने वाले दिवंगत एक्टर राजेश खन्ना की दीवानगी किसी से छिपी नहीं रही। शानदार अभिनय के बूते काका ने फैंस के दिलों पर राज किया। मगर, शुरुआत में उनका थिएटर का अनुभव इतना अच्छा नहीं रहा। रिपोर्ट्स के मुताबिक राजेश खन्ना जब पहली बार स्टेज पर चढ़े थे तो एक लाइन भी नहीं बोल पाए थे। डर के मारे उनकी हालत खराब हो गई थी। हालांकि, वक्त के साथ उन्होंने खुद को तराशा और एक दिन थिएटर में अपनी परफॉर्मेंस से उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया। मगर, इस राह में उन्हें कई कड़वे अनुभव हुए। ऐसा ही एक किस्सा आज मंडे फ्लैशबैक में हम आपसे साझा कर रहे हैं…

राजेश खन्ना उस वक्त जतिन खन्ना के नाम से जाने जाते थे। थिएटर के शुरुआती दिनों में उन्होंने तमाम दिक्कतों का सामना किया। उस दौर में वह अपनी जमीन बनाने की कोशिश में जुटे हुए थे और दिन-रात नाटक की रिहर्सल में जुटे हुए थे। बीच में उन्हें उस दौर की मशहूर एक्ट्रेस गीता बाली के साथ काम करने का मौका मिलते-मिलते रह गया तो थोड़े उदास हुए, लेकिन फिर से थिएटर में खुद को व्यस्त कर लिया। एक इंटर कॉलेज प्रतियोगिता होने वाली थी और जतिन एक नाटक में अहम रोल कर रहे थे।

नाटक में था विशेष रूचि

कॉलेज के दिनों में राजेश के एक दोस्त थे गुरनाम, उन्हें भी थियेटर का शौक था। राजेश खन्ना के सुपरस्टार बनने के बाद यही गुरनाम उनके बेहद करीब रहे और वर्षों तक राजेश खन्ना के मैनेजर और सेक्रेटरी रहे। गुरनाम के एक दोस्त थे प्रशांत कुमार रॉय। उन्हें नाटक देखने का शौक था, नाटक के दौरान ही प्रशांत की राजेश खन्ना से मुलाकात हुई, बाद में ये 22 साल तक राजेश खन्ना के ऑफिस सेक्रेटरी रहे।

प्रशांत कुमार रॉय ने एक बातचीत के दौरान बताया था, ‘जिस दिन नाटक होना था, उस दिन कॉलेज के अपोजिट ग्रुप से किसी बात पर जतिन (राजेश खन्ना) की बहस हो गई।  झगड़े के बाद उन लोगों ने बदला लेने के लिए नाटक को खराब करने की योजना बनाई थी। सब ठीक था, नाटक शुरू हुआ, स्टेज पर जैसे ही जतिन की एंट्री हुई, उसी समय केले के छिलकों और अंडों की बौछार होने लगी। जतिन को काटो तो खून नहीं, वह स्टेज पर खड़ा का खड़ा रह गया। इसके बाद दोनों ग्रुप में भिड़ंत हो गई और नाटक रद्द हो गया।’

इसके बाद काका मंच के पीछे आए और फूट-फूट कर रोने लगे। रोते हुए वह बार-बार यही कह रहे थे कि ‘इस नाटक के लिए दिन-रात मेहनत की थी, सब बर्बाद हो गया। मैं इतनी मेहनत करता हूं लोग मेरा काम क्यों बिगाड़ते हैं? मेरे सपने कभी पूरे नहीं होंगे।’ वहां मौजूद दोस्तों ने जतिन को समझाया और फिर उन्हें लेकर बाहर घूमने गए। तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन ये रोता हुआ शख्स फिल्म इंडस्ट्री पर राज करेगा। आगे चलकर राजेश खन्ना ने इंडस्ट्री में क्या मुकाम हासिल किया, यह किसी से छिपा नहीं है।

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