बलौदाबाजार में श्री सीमेंट की जनसुनवाई में हंगामा, खदान विस्तार का ग्रामीणों ने किया तीखा विरोध

बलौदाबाजार। जिले के ग्राम पत्थरचूआ में आयोजित श्री सीमेंट लिमिटेड की जनसुनवाई उस समय विवादों में घिर गई जब बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने खदान विस्तार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ग्रामीणों ने कंपनी पर वादाखिलाफी, पर्यावरणीय नुकसान और स्थानीय समस्याओं की अनदेखी का आरोप लगाया। विरोध इतना तीव्र था कि मंच पर मौजूद पर्यावरण अधिकारी पी.के. रबड़े को कार्यक्रम अधूरा छोड़कर वहां से जाना पड़ा।
यह जनसुनवाई श्री सीमेंट के खपराडीह प्लांट के limestone mining विस्तार के लिए ग्राम मोहरा, ब्लॉक-A में 127.046 हेक्टेयर भूमि पर पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना 2006 के तहत रखी गई थी। इसमें सिमगा और पलारी तहसील के गांव—मोहरा, पत्थरचूआ और भालूकोना—के लोग शामिल हुए।
ग्रामीणों का आरोप था कि कंपनी के गैस उत्सर्जन से बच्चे बीमार हो रहे हैं। साथ ही उन्होंने खराब सड़कें, रोजगार की कमी, जल संकट, सीएसआर की अनदेखी, खेती पर प्रभाव और स्कूलों में प्रवेश की समस्या जैसे मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया। लोगों का कहना था कि कंपनी जमीन हड़पने की नीयत से काम कर रही है और जनसुनवाई को प्रभावित करने के लिए बाहरी समर्थकों को बुलाया गया।
ग्राम मोहरा की सरपंच तारिणी वर्मा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्रा घृतलहरे और प्रभु बंजारे सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भी आरोप लगाया कि जनता को इस सुनवाई की कोई सूचना नहीं दी गई। गांव के रामखेलावन ध्रुव समेत अन्य ग्रामीणों ने भी जनसुनवाई की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए।
हालात बिगड़ते देख पर्यावरण अधिकारी पी.के. रबड़े मंच से उतरकर मीडिया से दूरी बना ली। हालांकि, कुछ नेताओं और महिलाओं ने कंपनी का समर्थन भी किया।
वहीं जनसुनवाई में उपस्थित अपर कलेक्टर दीप्ति गौटे ने कहा कि कार्यक्रम संपन्न हो चुका है। कंपनी के पर्यावरण प्रमुख सुनील देशमुख ने आश्वासन दिया कि “सभी उठाए गए मुद्दों पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी। पर्यावरण और रोजगार जैसे विषयों पर विशेष ध्यान रहेगा।”