बिलासपुर: भारतीय रेलवे यात्रियों और सामानों के परिवहन में अग्रणी भूमिका निभाता है और भारत में इसका सबसे व्यापक नेटवर्क है। सुरक्षा एजेंसियों के लिए इस तरह के नशीले पर्दाथों की तस्करी और रेलवे को एनडीपीएस के अवैध परिवहन का माध्यम बनने से रोकना बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता है ।
भारत सरकार ने रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों को तलाशी लेने, एनडीपीएस को जब्त करने के लिए और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांसेस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1984 के प्रावधानों के तहत तस्करों को गिरफ्तार करने और उन्हें शक्तिशाली कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंपने के लिए शक्तियों का प्रयोग करने और कर्तव्यों का पालन करने का अधिकार दिया है ।
एनडीपीएस के खतरे पर विशेष रूप से ध्यान देने के लिए, आपरेशन नार्कोस नामक कोड के साथ रेल के माध्यम से नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ एक महीने का अखिल भारतीय अभियान जून के महीने में प्रारंभ किया गया था। इस आपरेशन के तहत रेलवे सुरक्षा बल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के माध्यम से नारकोटिक्स उत्पादों को लेकर जाने वाले वाहक/ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
रेलवे सुरक्षा बल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने इस अवैध व्यापार में शामिल ड्रग पेडलर्स को लक्षित करने के लिए एनसीबी और अन्य एलईए के समन्वय से ट्रेनों और चिन्हित ब्लैक स्पाट में अपनी जांच भी तेजी लाते हुए बीते महीने मई तक 12 लाख 74 हजार 975 रुपये के विभिन्न नशीले पदार्थों के उत्पादों को बरामद किया है और अपने कार्याधिकार क्षेत्र के भीतर एनडीपीएस ले जाने वाले 21 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
इसके अलावा इन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंप दिया है। नशीले पदार्थ न केवल युवाओं के स्वास्थ्य को खराब करते हैं। बल्कि , ये पदार्थ अर्थव्यवस्था और राष्ट्र के हित को भी नुकसान पहुंचाते हैं। नशीली दवाओं की लत के दूरगामी प्रभाव होते हैं। क्योंकि , यह व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। आपरेशन नार्कोस के अंतर्गत नशीले एवं मादक पदार्थों के विरुद्ध रेल सुरक्षा बल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का अभियान लगातार जारी रहेगा ।