मुंबई : महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारे में हलचल मची हुई है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एक तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में टूट और पार्टी पर हक को लेकर विवाद बना हुआ है। तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही हैं। इन सबके बीच राकांपा-शरदचंद्र पवार की नेता और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शरद पवार का नाम लिए बिना वह लोगों का ध्यान अपनी ओर नहीं खींच पाते हैं।
मनसे प्रमुख का शरद पवार पर वार
दरअसल, राज ठाकरे ने शनिवार को कहा था, ‘कभी छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम तक नहीं लेने वाले शरद पवार आज उन्हें याद कर रहे हैं। उन्होंने अपने भाषणों में कभी छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम नहीं लिया क्योंकि शायद उन्हें चिंता हो सकती है कि उनका नाम लेने से मुसलमानों से मिलने वाले वोट रुक जाएं, लेकिन अब वह छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम ले रहे हैं।’
#WATCH | Pune, Maharashtra: On the new party symbol, NCP (SCP) MP Supriya Sule says, "This is a democratic country. It is our right to have a party and a symbol… The party was formed by Sharad Pawar and was taken away from him… We went to the court… I thank the Supreme… pic.twitter.com/NbYzd4UPbi
— ANI (@ANI) February 25, 2024
सुप्रिया सुले का पलटवार
इस पर पलटवार करते हुए सुले ने कहा, ‘शरद पवार का नाम लिए बिना वह लोगों का ध्यान अपनी ओर नहीं खींच पाते हैं। शरद पवार के खिलाफ टिप्पणी करने के बाद राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस दोनों सुर्खियों में आ गए।
पार्टी के नए चिह्न पर कही ये बात
वहीं, बारामती से सांसद सुप्रिया ने पार्टी के नए चिह्न पर शीर्ष अदालत का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, यह एक लोकतांत्रिक देश है। पार्टी और चुनाव चिह्न रखना हमारा अधिकार है। उन्होंने आगे कहा, ‘पार्टी का गठन शरद पवार ने किया था और उनसे वह छीन ली गई। पार्टी और चुनाव चिह्न रखना हमारा अधिकार है। हम अदालत गए। मैं सुप्रीम कोर्ट को निष्पक्ष होने के लिए धन्यवाद देती हूं। मैं चुनाव आयोग को भी धन्यवाद देती हूं।’