VIDEO : ‘यह वैचारिक लड़ाई है, व्यक्तिगत नहीं’, बारामती से भाभी सुनेत्रा के खड़े होने की अटकलों पर सुप्रिया सुले

मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम के बाद अब बारामती निर्वाचन क्षेत्र को लेकर शरद पवार और अजित पवार आमने सामने आ गए हैं। दोनों के बीच तनातनी जारी है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को बारामती से सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनावी बिगुल फूंका और संकेत दिए कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी चचेरी बहन के खिलाफ उम्मीदवार उतार सकते हैं। ऐसे में कयास लगने लगे हैं कि अजित अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं। अजित के तीखे बयानबाजी के बाद सुले ने रविवार को एक बार फिर कहा कि लोकतंत्र में सभी को चुनाव में खड़े होने का अधिकार है।

यह परिवार की लड़ाई कैसे हो सकती है?

सुनेत्रा पवार के चुनावी मैदान में उतरने पर एनसीपी शरदचंद्र पवार की नेता सुप्रिया सुले ने कहा, ‘यह परिवार की लड़ाई कैसे हो सकती है? लोकतंत्र में कोई भी चुनाव लड़ सकता है। मैंने कल भी कहा था कि अगर उनके पास मजबूत उम्मीदवार है तो मैं उस उम्मीदवार से बात करने को तैयार हूं। वे जो भी विषय, समय या स्थान तय करेंगे, मैं बैठने और चर्चा करने के लिए तैयार हूं।’

नेताओं से संबंध होने पर सुले ने कहा, ‘यह विचारों की लड़ाई है। यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। भाजपा के कई नेता मेरे दोस्त हैं। मेरे काम भी करते हैं। गडकरी जैसे कई नेता, जो अच्छा काम कर रहे है उनकी तारीफ करने में कोई बुराई नहीं है। मेरा परिवार बहुत बड़ा है, उनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है, उन्हें राजनीति में न खींचा जाए। भाभी का इन सबसे क्या लेना देना है। यह विचारों की लड़ाई है, व्यक्तिगत नहीं। ‘

अजित का बयान

दरअसल, अजित पवार ने बिना नाम लिए कहा था कि वह सिर्फ भाषण देती हैं और अवॉर्ड जीतती हैं, लेकिन क्षेत्र की समस्याओं का समाधान नहीं करती हैं। उन्होंने कहा था कि हम ऐसे लोगों को संसद में नहीं भेज सकते जो समस्याओं का समाधान नहीं करते। सिर्फ संसद में भाषण देने से कुछ नहीं होता। अगर वह भाषण देंगे और बारामती में काम न करें, तो क्या यहां कुछ होगा?

चुनाव में सभी को खड़े होने का अधिकारी: शरद पवार

एनसीपी  शरदचंद्र पवार के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा था, ‘लोकतंत्र में, सभी को चुनाव में खड़े होने का अधिकार है। अगर कोई उस अधिकार का प्रयोग कर रहा है तो इसके बारे में शिकायत करने का कोई कारण नहीं है। हमें लोगों के सामने अपना पक्ष रखना चाहिए। लोग जानते हैं कि हमने पिछले 55-60 सालों में क्या किया है।’

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