जगदलपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित एकमात्र बस्तर लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को होने जा रहे लोकतंत्र के महायज्ञ के लिए तैयारी अब अंतिम चरण में है। मतदान दलों के प्रशिक्षण के बाद अब मंगलवार को अति नक्सल संवेदनशील केंद्रों के लिए मतदान दलों को रवाना कर दिया गया।
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया, 19 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव है। 33 मतदान केंद्रों पर मतदान दल को हेलीकाप्टर से भेज रहे हैं। इलाके की संवेदनशीलता, नक्सली गतिविधियों और जीरो एरर को ध्यान में रखते हुए 4 हेलीकाप्टर लगाए गए हैं। 9 हेलीपैड बनाए गए हैं।
#WATCH बीजापुर, छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए एमआई-17 हेलिकॉप्टर के माध्यम से मतदान दल रवाना हुआ। pic.twitter.com/Tjob1lipV2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2024
तीन दिन पहले हेलीकाप्टर से पोलिंग पार्टी को भेजा गया
बस्तर लोकसभा सीट के 1,957 मतदान केंद्र में से अतिसंवेदनशील 150 मतदान केंद्रों के लिए तीन दिन पहले हेलीकाप्टर से दलों को भेजा गया। इसमें से करीब 75 दल मंगलवार को भेजा गया, जबकि बाकी 75 दल बुधवार को भेजे जाएंगे। इसके लिए सुबह छह बजे से ही मतदान दलों को बुला लिया गया।
#WATCH नारायणपुर, छत्तीसगढ़: मतदान दलों को चॉपर के माध्यम से उनके संबंधित मतदान केंद्र पर भेजा जा रहा है। pic.twitter.com/2DI3bW7Nna
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2024
सुबह आठ बजे से पोलिंग पार्टी को लेकर वायुसेना के हेलीकाप्टर ने उड़ान भरी। इसके लिए वायुसेना के दस से अधिक हेलीकाप्टर की व्यवस्था की गई है। दूसरी ओर बस्तर में सुरक्षित मतदान कराने का संकल्प लेकर एक लाख से अधिक बल पिछले एक माह से बस्तर में निगरानी कर रहा है। केंद्र से सुरक्षा बल की 350 टुकड़ियां भी बस्तर पहुंच चुकी हैं।
2019 के मुकाबले 118 नए केंद्र
बस्तर में पिछले पांच वर्ष में सुरक्षा बल के लगभग 200 नए कैंप नक्सलियों के आधार क्षेत्र में स्थापित किए जाने के बाद लगभग 3,000 वर्ग किमी का क्षेत्र नक्सलियों के प्रभाव से सुरक्षा बल ने मुक्त करा लिया गया है। नक्सल प्रभावित 2,700 से अधिक गांव में से लगभग 600 गांव से नक्सलियों को खदेड़ा गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इन गांव में 118 नये मतदान केंद्र इस बार खोले गए हैं, जहां दशकों बाद ग्रामीण अपने ही गांव में मतदान करेंगे। इसमें से बीजापुर जिले में पालनार एकमात्र ऐसा गांव हैं, जहां चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी मतदान नहीं हुआ था।