CG वेलेंटाइन डे स्पेशल : ट्रेनिंग की शुरुआत लड़ाई से हुई, खत्म होने तक प्यार में बदली, दिलचस्प है पुलिस अफसर जोड़े की ये लव स्टोरी

रायपुर। अब तक आपने प्रेमी जोड़ों की कई सारी कहानियां सुनी होंगी, लेकिन इस वेलेंटाइन डे पर छत्तीसगढ़ के ऐसे पुलिस अफसर जोड़े एसडीओपी देवांश सिंह राठौर और डीएसपी शिल्पा साहू की कहानी बता रहे हैं, जिनकी जान-पहचान पुलिस एकेडमी में हुई. ट्रेनिंग की शुरुआत लड़ाई से हुई और फिर ट्रेनिंग खत्म होने तक तकरार प्यार में बदल गई. बात शादी तक पहुंची।

सामाजिक पाबंदियों ने दोनों को अलग करने की कोशिश जरूर की, लेकिन दोनों ने एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा. शादी की और अब एक साथ लॉ एंड आर्डर संभालने की ड्यूटी निभा रहे हैं. पहले नक्सलियों के और अब अपराधियों के छक्के छुड़ा रहे हैं. अभी दोनों ही छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पोस्टेड हैं।

ऐसे बढ़ने लगी नजदीकियां

लोरमी के रहने वाले देवांश और दुर्ग की शिल्पा साल 2013 में पीएससी की परीक्षा पास कर डीएसपी बने थे. साल 2016 में रायपुर निमोरा एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान पहचान हुई. शुरुआत में दोनों के बीच खूब लड़ाई हुई. ये लड़ाई ऐसी रही कि दोनों एक दूसरे को देखना तक पसन्द नहीं करते थे, लेकिन धीरे-धीरे दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगी और एक दूसरे को पसंद करने लगे. ट्रेनिंग खत्म होते तक दोनों के बीच की लड़ाई प्यार में बदल चुकी थी. इस दौरान दोनों ने जीवन भर साथ रहने की ठान ली. ट्रेनिंग के बाद परिवीक्षा अवधि में देवांश की जांजगीर चांपा और शिल्पा की बिलासपुर में पोस्टिंग रही. इसके बाद शिल्पा को बालोद में बटालियन व देवांश को दंतेवाड़ा डीआरजी टीम का डीएसपी  बनाया गया था. शादी के बाद दोनों को दंतेवाड़ा ज़िले में भेजा गया था. अब दोनों ही दुर्ग में पोस्टेड हैं।

बता दें कि शिल्पा और देवांश की पोस्टिंग छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा में थी. ये नक्सल ऑपरेशन के लिए जाने वाली डीआरजी पुरुषों की टीम का देवांश जबकि दंतेश्वरी फाइटर्स महिला डीआरजी टीम को शिल्पा लीड करते थे. कदम- कदम पर IED,नक्सल अटैक, स्पाइक होल्स के खतरे के बीच कभी जंगल- पहाड़ के रास्तों से पैदल तो कभी बाइक पर निकल कर नक्सल अभियान में बड़ी भूमिका निभाई. कई बार नक्सलियों के एनकाउंटर में भी शामिल रहे. इनका कहना है हमें खुद के साथ ही देश और अपनी ड्यूटी से भी बहुत प्यार है।

जून 2019 में देवांश और शिल्पा शादी के बंधन में बंधने जा रहे थे. शादी का कार्ड देने पूर्व डीजी डीएम अवस्थी के पास गए थे. डीजी ने भी दोनों की भावनाओं को समझ कर इनका साथ दिया. डीजी ने कहा था- देवांश किरंदुल एसडीओपी और शिल्पा डीएसपी दंतेवाड़ा हेडक्वार्टर रहेंगी. दोनों को एक ही ज़िले में भेज रहा हूं. मेरी तरफ से दोनों को शादी का यह तोहफा है. दोनों दंतेवाड़ा- किरंदुल बॉर्डर पर मिलते रहना।

एक निजी चैनल से बातचीत में देवांश ने बताया कि एकेडमी में लड़ाई से शुरू हुई दुश्मनी, दोस्ती और प्यार में बदल जाएगी, ऐसा हमने कभी नहीं सोचा था. साथ रहते 5 साल हो गए. काम से लेकर हर पारिवारिक निर्णयों में शिल्पा का साथ होता है. काफी अच्छा लगता है. शादी के शुरुआती सालों में पति- पत्नी को एक साथ रहकर एक-दूजे को समझने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है. अच्छा लगता है हम दोनों एक साथ हैं. डीएसपी शिल्पा ने कहा कि जब पति नक्सल ऑपरेशन पर जाते थे, तो बहुत घबराहट होती थी. मेरी जब दंतेवाड़ा में पोस्टिंग हुई, तब सबसे ज़्यादा अच्छी बात मुझे यह पता चली कि यहां महिला डीआरजी की टीम भी है,जो ऑपरेशन के लिए जाती है. देवांश और मैं अपनी- अपनी टीम के साथ ऑपरेशन के लिए जंगल निकलते थे. पोटाली, चिकपाल, किरंदुल क्षेत्र के अंदरूनी गांवों में नक्सल ऑपरेशन के लिए जा चुके हैं. दोनों को एक दूसरे का सपोर्ट मिलता है।

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