भारतीय सेना के साथ रिश्तों को और मजबूत करना चाहता है अमेरिका : पेंटागन
वॉशिंगटन : भारत और अमेरिका के रिश्ते अब और मजबूत हो रहे हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा कि अमेरिका भारतीय सेना के साथ संबंध विकसित करना जारी रखना चाहता है। पेंटागन के प्रेस सचिव यूएस ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कहा, “अमेरिका और भारत के बीच अच्छी साझेदारी है। अमेरिका, भारतीय सेना के साथ अपने संबंधों को और विकसित करना चाहता है।”
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को एक साल पूरा होने पर राइडर ने एक प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच अच्छी साझेदारी है। हम भारतीय सेना के साथ अपने संबंधों को और विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।” राइडर ने आगे कहा, “यह पवित्र वर्षगांठ उन सभी के लिए एक अवसर है जो स्वतंत्रता, नियमों और संप्रभुता में विश्वास करते हैं। साथ ही वे लंबे समय तक यूक्रेन के बहादुर रक्षकों का समर्थन करने के लिए खुद को फिर से प्रतिबद्ध करें और याद रखें कि रूस के युद्ध की सीमा यूक्रेन से पहुत आगे तक फैली हुई है।
यूक्रेन के साथ खड़ें रहेंगे
उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा। हमारे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों और भागीदारों के साथ, हम यूक्रेनी लोगों को सुरक्षा सहायता के साथ समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। क्योंकि, ये अपने राष्ट्र की रक्षा करने और अपने संप्रभु क्षेत्र को वापस लेने के लिए आवश्यक है। इसलिए, हम यूक्रेन के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका रे रक्षा विभाग ने यूक्रेन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा सहायता में 2 बिलियन अमरीकी डालर की घोषणा की है।
रूस से संबंध खत्म नहीं करेगा भारत: डोनाल्ड लू
उधर, दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत के रुख पर अमेरिकी दृष्टिकोण व्यक्त किया। शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका को नहीं लगता कि भारत जल्द ही रूस के साथ संबंध समाप्त करने जा रहा है। अमेरिका उम्मीद करता है कि भारत यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूस के साथ अपने प्रभाव का उपयोग करेगा।
बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन भारत, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान की यात्रा करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि वे भारत, रूस के साथ संबंधों को समाप्त करने जा रहा है, लेकिन हम उनसे बात कर रहे हैं कि वे इस संघर्ष में क्या भूमिका निभा सकते हैं।