नईदिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने इस्तीफा दे दिया है. कार्यकाल पूरा होने से पहले उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया है. जानकारी के मुताबिक, सोनी ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है. जून के आखिरी सप्ताह में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. फिलहाल उनका इस्तीफा स्वीकार होने की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.
मनोज सोनी का कार्यकाल 2029 में समाप्त होने वाला था, इससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. सोनी ने 2017 में यूपीएससी में बतौर सदस्य ज्वॉइन किया था. 16 मई 2023 को उन्हें यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन का अध्यक्ष बनाया गया. सूत्रों के मुताबिक, मनोज सोनी गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय की एक शाखा, अनुपम मिशन को अधिक समय देना चाहते हैं.
सोनी ने निजी कारणों के चलते दिया इस्तीफा
2020 में दीक्षा प्राप्त करने के बाद वे मिशन के भीतर एक साधु या निष्काम कर्मयोगी बन गए थे. सूत्रों का कहना है कि मनोज सोनी का इस्तीफा का मसला IAS पूजा खेडकर से जुड़ा नहीं है. उन्होंने अपने निजी कारणों के चलते इस्तीफा दिया है.तीन बार वाइस चांसलर रहे डॉ. सोनी के नाम सबसे कम उम्र के कुलपति का रिकॉर्ड रहा है. 2005 में वह देश के सबसे कम उम्र के यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर बने थे.
40 साल की उम्र में सोनी बने थे वाइस चांसलर
मनोज सोनी को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता है. ये भी कहा जाता है कि मोदी ने ही 2005 में सोनी को वडोदरा के एमएस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था. जिस समय उनकी नियुक्ति हुई थी, उस समय सोनी की उम्र केवल 40 साल थी. संघ लोकसेवा आयोग में शामिल होने से पहले सोनी ने गुजरात में दो यूनिवर्सिटीज में तीन कार्यकालों के लिए कुलपति के रूप में कार्य किया.
राहुल ने सोनी की नियुक्ति पर उठाया था सवाल
मनोज सोनी की नियुक्ति पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सवाल उठाया था. सोनी के UPSC चेयरमैन बनने राहुल ने इसे संविधान पर चोट बताया था. उन्होंने सोनी को RSS का करीबी बताया था. कांग्रेस नेता ने कहा था कि मनोज सोनी के अध्यक्ष बनने का मतलब है कि यूपीएससी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की जगह यूनियन प्रचारक संघ कमीशन बन जाएगा.