रायपुर: केंद्रीय राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडू के बस्तर प्रवास पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा बस्तर के लोगों को ठगने के लिये केंद्रीय मंत्रियों का दौरा कार्यक्रम बस्तर में बनाती है लेकिन यह मंत्री बस्तर के विकास के लिये कोई योजना लेकर बस्तर नहीं आते। एक दर्जन से अधिक केंद्रीय मंत्री बस्तर आ चुके है लेकिन किसी ने 1 रू. की भी केंद्रीय सहायता बस्तर में नहीं किया है। 15 सालो तक राज्य में भाजपा की सरकार थी तब भी बस्तर की उपेक्षा की गयी।
आज जब केंद्र में भाजपा की सरकार है तब भी बस्तर के विकास के लिये केंद्र सरकार उदासीन है। भाजपा आदिवासी समाज को सिर्फ वोट लेने के लिये इस्तेमाल करना चाह रही लेकिन बस्तर के लोग जागरूक है, भाजपा के चाल में नहीं आने वाले। केंद्रीय मंत्री बस्तर में सड़क मार्ग से दौरा करने का साहस जुटा पाये है तो यह भूपेश सरकार के कारण ही संभव हो पाया है। 4 साल के कांग्रेस सरकार के राज में शांति के साथ सड़क मार्गों की बहाली हुई है। वर्षो से लंबित सड़को को बनाया गया तब ही टुडू जी निर्भीक होकर दौरा कर रहे है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा कल भी आदिवासी विरोधी थी, आज भी आदिवासी विरोधी है। 15 साल के भाजपा के शासन काल में बस्तर के आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारियों को भाजपा ने बंधक बनाकर रखा था। 15 सालों तक बस्तर के आदिवासी सुरक्षा बलों और नक्सलवाद के दो पाटों में पिस रहे थे। छोटी-छोटी धाराओं में मासूम आदिवासियों को वर्षो तक जेल की सलाखों में बंद रखा गया था। उनकी जमीनों को कौड़ियों के दाम लूटने का षडयंत्र रचा गया। जल, जंगल, जमीन, पर आदिवासियों के नैसर्गिक अधिकारों का हनन किया गया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा हमेशा से आदिवासियों की शोषक रही है। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की अधिग्रहित जमीनों को भाजपा सरकार ने लैड बनाकर जब्त किया था, कांग्रेस सरकार ने उसे वापस किया। 15 सालों तक साढ़े पांच लाख से अधिक वन अधिकार पट्टों को लंबित रखा था? बस्तर में हजारों आदिवासियों को नक्सली बताकर भाजपा की सरकार ने वर्षों से जेलों में बंद रखा था, कांग्रेस की सरकार ने उनकी रिहाई शुरू करवाया।
बस्तर में 400 से अधिक स्कूल भाजपा सरकार ने बंद कर दिया था। बस्तर में लोग डायरिया, मलेरिया से मरते रहे, भाजपा को कभी आदिवासियों के स्वास्थ्य का ख्याल नहीं आया। आदिवासियों के संबंध में उनके अधिकारों के संबंध में कुछ भी बोलने के पहले समूची भाजपा को छत्तीसगढ़ के 32 प्रतिशत आदिवासी समाज से माफी मांगनी चाहिये। भाजपा के 15 सालों में छत्तीसगढ़ के आदिवासी ठगे गये, उनकी प्रगति को रोकने का षड़यंत्र रचा गया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छल कपट कर 15 साल तक भाजपा सरकार निर्दोष आदिवासियों को जेल में बन्द किया जाता रहा, भाजपा सरकार में पांचवी अनुसूची क्षेत्रो को मिले कानूनी अधिकारों को दरकिनार कर ग्राम सभा के अनुमोदन के बिना हजारों आदिवासी से जमीन छीनी गई, भाजपा सरकार में नक्सली बताकर आदिवासियों के मासूम बच्चों को मुठभेड़ में मारा गया, झलियामारी बालिका गृह में हुई बलात्कार की घटना, मीना खलखो, पेद्दागेल्लूर, सारकेगुड़ा की घटना, बस्तर क्षेत्र के युवाओं को सरकारी नौकरी से वंचित रखा गया |
आउटसोर्सिंग से भर्ती कर उनके हक अधिकार को बेचा गया, रमन सरकार के दौरान तेंदूपत्ता संग्राहकों की लाभांश में हेराफेरी की गई, चरणपादुका खरीदने में भ्रष्टाचार किया गया, 5 लाख वनाधिकार पट्टा निरस्त किया गया था, भाजपा सरकार के दौरान निरन्तर आदिवासी वर्ग पर अत्याचार हुआ उनके अधिकारो का हनन किया गया। आदिवासी कल्याण के नाम से सरकारी योजना बनाकर बंदरबाट किया गया। इन सब के लिये भी केंद्रीय राज्य मंत्री विश्वेश्वर बस्तर की जनता से माफी मांगे।