केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर नक्सल ऑपरेशन में शामिल जवानों का किया सम्मान, सीएम साय ने नक्सल विरोधी अभियानों की दी जानकारी

रायपुर/नई दिल्ली : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे. मुलाकात में सीएम साय ने नक्सल विरोधी अभियानों की उपलब्धियों और भविष्य की कार्ययोजना पर गृहमंत्री शाह से विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 से अब तक सुरक्षा बलों की आक्रामक कार्रवाई के परिणामस्वरूप 453 नक्सली मारे गए हैं. इसी अवधि में 1,616 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई, जबकि 1,666 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. राज्य में 65 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं और सड़क, पुल-पुलिया तथा मोबाइल नेटवर्क जैसी आधारभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार हुआ है.
बस्तर में बाढ़ और राहत कार्य
मुख्यमंत्री ने बस्तर में आई बाढ़ की गंभीर स्थिति पर भी चर्चा की. उन्होंने गृह मंत्री को राहत और पुनर्वास कार्यों की प्रगति से अवगत कराया और बताया कि प्रभावित इलाकों में प्रशासन लगातार राहत सामग्री पहुँचाने, स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने और विस्थापित परिवारों के लिए सुरक्षित आश्रय की व्यवस्था करने में जुटा है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुँचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए विशेष पैकेज तथा अतिरिक्त संसाधन जुटाए जा रहे हैं.
कर्रेगुट्टा ऑपरेशन और जवानों का सम्मान
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर 21 दिनों तक चले सबसे लंबे नक्सल ऑपरेशन में शामिल जवानों का सम्मान किया. इस अभियान में सुरक्षा बलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया था. यह ऑपरेशन अप्रैल-मई माह में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर चलाया गया था. इसे नक्सलियों पर अब तक की सबसे बड़ी चोट माना जा रहा है, क्योंकि बीजापुर जिले की कर्रेगुट्टा की पहाड़ियाँ नक्सलियों का सबसे सुरक्षित गढ़ मानी जाती थीं. इस अभियान के बाद सुरक्षाबलों ने वहाँ नियंत्रण स्थापित कर लिया और नक्सलियों को पीछे हटना पड़ा.
गृह मंत्री ने जवानों को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता केवल सुरक्षा के मोर्चे पर नहीं, बल्कि विकास और शांति की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. मुख्यमंत्री साय ने आश्वासन दिया कि नक्सलियों के सम्पूर्ण उन्मूलन तक आक्रामक अभियान जारी रहेगा और साथ ही विकास को गति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाएँ पहुँचाकर स्थायी शांति स्थापित की जाएगी.