Uber : अब ऑटो-रिक्शा ड्राइवरों से कोई कमीशन नहीं लेगा प्लेटफॉर्म…

Uber ने भारत में ऑटो-रिक्शा ड्राइवरों से कमीशन नहीं लेने का बड़ा ऐलान किया है. इसके बजाय, कंपनी अब सब्सक्रिप्शन मॉडल अपनाएगी, जहां ड्राइवरों को प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए तय शुल्क देना होगा.
Uber का नया मॉडल: क्या बदलेगा?
- ड्राइवर अब पूरा किराया अपने पास रख सकेंगे.
- Uber कोई कमीशन नहीं लेगा, बल्कि सब्सक्रिप्शन फीस वसूलेगा.
- यात्री और ड्राइवर किराया आपसी सहमति से तय करेंगे.
- Uber अब सिर्फ एक कनेक्शन प्लेटफॉर्म की भूमिका निभाएगा.
- Uber ऐप से डिजिटल पेमेंट (UPI, क्रेडिट/डेबिट कार्ड) का विकल्प नहीं मिलेगा.
यात्रियों के लिए क्या बदलेगा?
- अब ऑटो किराए का कोई निश्चित रेट नहीं होगा. उबर केवल एक अनुमानित किराया बताएगा, लेकिन अंतिम किराया यात्री और ड्राइवर की आपसी सहमति से तय होगा.
- उबर ऐप से भुगतान नहीं कर सकेंगे. पहले की तरह UPI, कार्ड और उबर वॉलेट से भुगतान संभव नहीं होगा. यात्रियों को ड्राइवर को नकद या किसी अन्य डिजिटल माध्यम से सीधा भुगतान करना होगा.
- उबर अब किराए से जुड़े विवादों में हस्तक्षेप नहीं करेगा. कंपनी ने कहा है कि वह सिर्फ सुरक्षा संबंधी मामलों में सहायता देगी.
- कोई कैंसलेशन चार्ज नहीं लगेगा. यदि यात्री किसी कारण से बुकिंग रद्द करते हैं, तो उनसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा.
Uber ड्राइवरों को क्या फायदा?
- अब तक उबर 10-15 प्रतिशत कमीशन काटता था, लेकिन अब ड्राइवर पूरा किराया अपने पास रख पाएंगे.
- ड्राइवर अपने हिसाब से किराया तय कर सकेंगे, जिससे वे बेहतर कमाई कर सकते हैं.
- पहले ड्राइवर अक्सर उबर और Ola के कमीशन को लेकर हड़ताल करते थे, इस बदलाव से वह समस्या कम हो सकती है.
Uber नए मॉडल को लेकर विवाद और चुनौतियाँ
- किराए में बढ़ोतरी हो सकती है. चूंकि किराया अब फिक्स नहीं रहेगा, ड्राइवर अधिक चार्ज कर सकते हैं, जिससे यात्रियों को ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है.
- डिजिटल भुगतान की दिक्कत हो सकती है. अब उबर ऐप के जरिए ऑनलाइन भुगतान संभव नहीं होगा, जिससे नकद लेनदेन की समस्या बढ़ सकती है.
- किराए से जुड़े विवादों में उबर हस्तक्षेप नहीं करेगा, जिससे ड्राइवर और यात्रियों के बीच मतभेद हो सकते हैं.
- कई राज्य सरकारें उबरऔर Ola जैसी कंपनियों पर नए नियम लागू कर रही हैं. उदाहरण के लिए, कर्नाटक सरकार ने डायनामिक प्राइसिंग पर रोक लगाई है, जिससे उबर के नए मॉडल पर असर पड़ सकता है.
क्या Uber का नया मॉडल सफल होगा?
उबर का यह कदम Rapido और Namma Yatri जैसे लोकल प्लेयर्स के बढ़ते दबाव के कारण लिया गया है. यदि यह मॉडल सफल रहा, तो Ola जैसी अन्य कंपनियाँ भी इसी दिशा में बदलाव कर सकती हैं.
हालांकि, यात्रियों को अब ऑटो किराए के लिए मोलभाव करना पड़ सकता है, जो कई लोगों के लिए असुविधाजनक हो सकता है.’
फाइनल वर्डिक्ट
उबर का नया मॉडल ड्राइवरों के लिए फायदेमंद है, लेकिन यात्रियों को थोड़ी परेशानी हो सकती है. यदि आप उबर से ऑटो बुक करते हैं, तो अब आपको किराया तय करने के लिए ड्राइवर से मोलभाव करना होगा और भुगतान सीधे नकद या किसी अन्य डिजिटल माध्यम से करना होगा.
क्या यह बदलाव उबर के लिए गेमचेंजर साबित होगा, या यात्रियों को दूसरी ऐप्स की ओर मोड़ देगा? यह देखने वाली बात होगी.