कैसे ठगा Amazon को
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों ने नकली पहचान का इस्तेमाल करके Amazon से 11,45,000 रुपये का सामान मंगवाया. इनमें दो हाई-वैल्यू सोनी कैमरे और 10 दूसरे सामान शामिल हैं.
यह घोटाला तब शुरू हुआ, जब दोनों ने ‘अमित’ नाम से Amazon से ऑर्डर दिया. उन्होंने केएसआरटीसी बस स्टैंड, मंगलुरु के पास एक नकली पता और एक नकली संपर्क नंबर दिया. सामान की डिलीवरी के समय उनमें से एक ने डिलीवरी एग्जीक्यूटिव का ध्यान भटकाया, जबकि दूसरे ने ऑर्डर में मौजूद दूसरे सामान के साथ बॉक्स पर लगे लेबल को चुपके से बदल दिया.
इसके बाद राज कुमार ने गलत OTP दिया, जिससे डिलीवरी में देरी हुई. इसी रणनीति का इस्तेमाल करते हुए डिलीवरी एग्जीक्यूटिव को बताया कि वे अगले दिन ऑर्डर उठा लेंगे. डिलीवरी एग्जीक्यूटिव को इस बात का पता नहीं था कि यह बदलाव हुआ है, इसलिए वह अनजाने में 12-आइटम वाले ऑर्डर से गलत सामान लेकर चला जाता. अगले दिन, दोनों ने ऑर्डर रद्द कर दिया और मूल सामान अपने पास रख लिया.
कैसे हुई दोनों की गिरफ्तारी
Amazon के डिलीवरी पार्टनर महिंद्रा लॉजिस्टिक्स को स्टिकर पर शक हुआ, और उसने इसकी सूचना Amazon को दी. इसके बाद, जांच शुरू की गई, जिसमें पाया गया कि आरोपियों ने मूल Sony कैमरों को नकली सामान से बदल दिया था.
इसके बाद उरवा पुलिस द्वारा की गई जांच में उनके पैटर्न की पहचान हुई और शहर से भागने की कोशिश करते समय उन्हें पकड़ लिया गया.
8 राज्यों में फैला नेटवर्क
आरोपी राज कुमार मीना को पहले भी इसी तरह के धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें 4 अक्टूबर को अमेज़न से कैमरा ऑर्डर शामिल था. उरवा पुलिस ने उसे 18 अक्टूबर को हिरासत में लिया.
पुलिस का मानना है कि आरोपी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से 1.29 करोड़ रुपये से अधिक के सामान की धोखाधड़ी में शामिल हो सकता है, जिसमें कैमरा और आईफोन के धोखाधड़ी वाले ऑर्डर भी शामिल हैं. इन दोनों के खिलाफ अलग-अलग राज्यों – असम, ओडिशा, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और केरल में 11 मामले दर्ज हैं.