लड़कियों के हाथ पकड़ने, चुनरी खींचने और अश्लील इशारा करने वाले दो मनचलों को पांच, एक को तीन साल जेल की सजा
दुर्ग : स्कूल आने जाने के दौरान दर्जनभर छात्राओं से छेड़छाड़ और अश्लील हरकतें करने वाले तीन मलचले युवकों को न्यायालय ने विभिन्न धाराओं में तीन से पांच साल तक कारावास की सजा सुनाई है। तीनों आरोपितों को अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। छेड़छाड़ की शिकार छात्राओं में एक बालिग और 11 नाबालिग हैं।
घटना मोहन नगर थाना क्षेत्र में वर्ष 2022 में हुई थी। पीड़ित छात्राओं की ओर से पालकों ने घटना की शिकायत 25 नवंबर 2022 को मोहन थाने में दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक छात्राएं (पीड़िता) अंडरब्रिज की ओर से साइकिल से स्कूल आना जाना करती है।
मनचले लड़कियों को करते थे अश्लील इशारे
अंडरब्रिज के पास प्रदीप, सन्नी व राहुल नाम के लड़के खड़े होकर आने-जाने वाली छात्राओं का रास्ता रोककर उनसे छेड़छाड़ करते है। शिकायत में यह भी बताया गया था कि आरोपित किसी छात्रा की बाल खींचते हैं तो किसी का हाथ पकड़ लेते हैं। किसी की चुनरी खींचते हैं तो किसी को अश्वील इशारे करते हैं। किसी को ब्लेड मारकर चेहरा खराब कर देने की धमकी भी देते हैं।
25 नवंबर 2022 को स्कूल में पढ़ने वाली 12 छात्राओं (लड़कियों) के द्वारा परेशान होकर अपने अभिभावकों को उक्त आरोपितों के हरकतों की जानकारी दी गई। जिसमें छात्राओं ने बताया कि 22 नवंबर 2022 की सुबह करीब 10 बजे एवं स्कूल के छुट्टी होने के समय शाम करीब 4 बजे मनचलों द्वारा छेड़खानी की हरकतें की जाती है। आरोपित लड़कियों का पीछा करते-करते स्कूल तक आ जाते हैं तथा वापसी में घर और ट्यूशन क्लास तक पीछा करते हैं। उन्हें जान से मारने की धमकी भी देते हैं और गाली गलौज करते हैं।
शिकायत पर पुलिस ने मोहन नगर थाना अंतर्गत ग्रीन चौक निवासी आरोपित राहुल गाड़ा उर्फ धनेश्वर (19), सन्नी भगत (23) और गैंदी डबरी मोहन नगर निवासी प्रदीप कौशल (20) के खिलाफ मारपीट, जान से मारने की धमकी देना, रास्ता रोकना, छेड़छाड़ और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 8,12 पाक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण सुनवाई के लिए अपर सत्र न्यायाधीश संगीता नवीन तिवारी के न्यायालय में प्रस्तुत किया।
न्यायालय में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने किया। विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने बताया कि आरोपित सन्नी भगत और राहुल गाड़ा को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 8 के तहत प्रत्येक पीड़िता के लिए पांच-पाच वर्ष सश्रम कारावास ( तीन-तीन बार) एवं एक-एक हजार रुपये अर्थदंड (तीन बार) की सजा सुनाई गई।
वहीं एक आरोपित प्रदीप कौशल को लैंगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 8 के तहत प्रत्येक पीड़िता के लिए तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास( 10 बार) और पांच-पांच सौ अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं समानांतर रूप से चलेगी।
मारपीट सहित अन्य धाराओं में भी सजा
न्यायालय ने तीनों आरोपितों को मारपीट सहित अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई है। जिसके मुताबिक धारा 294 (11 बार) के तहत प्रत्येक पीड़िता के लिए एक-एक माह कारावास और एक-एक सौ रुपये अर्थदंड, धारा 509 सहपठित धारा 34 (11 बार) के तहत प्रत्येक पीड़िता के लिए तीन-तीन वर्ष कारावास और पांच-पांच सौ रुपए अर्थदंड, धारा 341 की सहपठित धारा (4 बार) के तहत प्रत्येक पीड़िता के लिए एक-एक माह कारावास और एक-एक सौ रुपये अर्थदंड, इसी तरह लैंगिक अपराधों के बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 12( 10) के तहत प्रत्येक पीड़िता के लिए तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास और पांच-पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।