भाजपा- कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन की खींचतान: 1 करोड़ 11 लाख के मसौदे लटके, थमा 96 ग्राम पंचायतों का विकास

सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिले के जनपद पंचायत बरमकेला हमेशा सुर्खियों मे रहता है। बरमकेला जनपद पंचायत प्रदेश मे हॉट सीट माना जाता है। क्योंकि यहां जनपद अध्यक्ष चुनाव से पहले ही बरमकेला जनपद की राजनीति में उफान आ गया है। अधिकारियों और चेयरपर्सन के बीच की खींचतान बढ़ गई है। ऐसे में पिछले करीब 4 महीने से जनपद पंचायत बरमकेला मे जनपद सदस्यो की बैठक के फेर में 1 करोड़ के मसौदे अटके हैं। जिसकी वजह से जनपद के 96 ग्राम पंचायतो में विकास थमा हुआ है।

विकास कार्याें के एजेंडे भी तैयार

जनपद क्षेत्र के जनपद सदस्य अपने क्षेत्रो में विकास कार्याें के एजेंडे भी तैयार कर चुके हैं। मगर कभी भाजपा की वजह से तो कभी कांग्रेस के अड़चनों से जनपद सदस्यों की बैठक का मामला खटाई में पड़ रहा है। इस बार चुनाव के तीन महीने कि समाप्ति के बाद बैठक हुई। इसके बाद से दो बार बैठक प्रस्तावित हुई, मगर ये बैठक स्थगित करनी पड़ी। अब मामला बीजेपी कांग्रेस के चेयरपर्सन और अधिकारियों के बीच खिंच चुका है। इसकी वजह भी राजनीतिक वजह मानी जा रही है। जनपद पंचायत बरमकेला मे जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायतो में करीब 4 लाख के बजट से विकास कार्यों का खाका तैयार किया हुआ है। कई जनपद क्षेत्र में तो जनपद सदस्यो ने विकास कार्यों के एजेंडे भी बैठक में रखने थे। लेकिन दो बार बैठक स्थगित हो चुकी है। ऐसे में पहले बैठक की कार्यवाही की पुष्टि और आगामी विकास परियोजनाओं पर भी ब्रेक लगा है।

96 ग्राम पंचायतो के काम लटके:


जनपद पंचायत ग्राम पंचायतों का विकास कार्याें में सहयोग करती है। जनपद बरमकेला मे 96 ग्राम पंचायतो का दायरा आता है। इन गांवों में ग्राम पंचायतों को स्ट्रीट लाइट लगवाने, धर्मशाला, गोशाला पेयजल, स्वछता, निर्माण कार्य कराने के अलावा भी कई ऐसे विकास कार्य है जो जनपद सदस्यों के दायरे में आते हैं। मानसून से पहले ही कई गांवों के अंदर जनपद पंचायत के बजट से पानी निकासी की व्यवस्था भी कराई जानी थी। मगर ऐसे कार्य भी अभी तक खटाई में पड़े हैं। इससे जनपद पंचायत बरमकेला में राजनीतिक सक्रियता बढ़ गई है। हालांकि ये सक्रियता हाल ही में बढ़ी है, अब देखते हैं कि इस पर भी सरकार कोई कदम उठाती है या नहीं। जनपद पंचायत के 96 ग्राम पंचायतो में नए कार्यों के लिए जनपद सदस्यों की तरफ से नए एजेंडे शामिल कर इन पर प्रस्ताव पास किए जाने थे। मगर विपक्ष और अधिकारी के गैर जिम्मेदाराना रवैये की वजह से सब ठप पड़ा है।

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