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जंगल सफारी में जेब्रा के साथ मीरकैट देख सकेंगे पर्यटक, गुजरात के जामनगर जू से लाए जायेंगे दोनों जीव

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रायपुर : दो साल प्रयास के बाद जंगल सफारी प्रबंधन को अपने जू में जेब्रा लाने में कामयाबी मिलती दिख रही है। गुजरात स्थित जामनगर जू दो जोड़ी भालू के बदले एक जोड़ी जेब्रा के साथ, मीरकैट प्रजाति के वन्यजीव देने के लिए राजी हुआ है। जामनगर जू प्रबंधन द्वारा भालू के बदले जेब्रा तथा मीरकैट देने की सहमति मिलने के बाद सफारी प्रबंधन सीजेडए से अनुमति लेने के बाद रविवार को जेब्रा लेने गुजरात रवाना होगा।

जंगल सफारी के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर  के मुताबिक, जंगल सफारी की टीम जिसमें डॉक्टर भी शामिल रहेंगे, जेब्रा लेने रविवार को जामनगर के लिए रवाना होगी। जामनगर से जेब्रा तथा मीरकैट लाने एक सप्ताह का समय लग सकता है। जिस वाहन से जेब्रा, मीरकैट लाएंगे, उसी वाहन से यहां से दो जोड़ी भालू जामनगर जू के सुपुर्द किया जाएगा। अफसर के अनुसार जेब्रा लाने के लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। गौरतलब है कि जंगल सफारी में वर्तमान में अलग-अलग प्रजाति के छह सौ वन्यजीव रह रहे हैं। इनमें विदेशी प्रजाति के वन्यजीव में दरियायी घोड़ा भी शामिल है।

आचार संहिता की वजह से अदला-बदली नहीं हो पाई

विभागीय अफसरों के मुताबिक जेब्रा लाने उन्हें छह माह पूर्व ही अनुमति मिल गई थी, चुनाव आचार संहिता की वजह से फंड रिलीज नहीं हो पाया था, जिसकी वजह से वन्यजीवों की अदला-बदली नहीं हो पाई थी। आचार संहिता समाप्त होने के बाद वन्यजीवों की अदला- बदली संभव हुई है।

दो साल के बाद तलाश पूरी हो पाई

जंगल सफारी में विदेशी प्रजाति के वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने जेबा लाने सफारी प्रबंधन दो साल से देश के अलग-अलग राज्यों के जू प्रबंधन से संपर्क कर रहा था। जिन राज्यों के जू प्रबंधन से जेब्रा लाने सहमति बनाने की कोशिश की जा रही थी, उन राज्यों के जू प्रबंधन बदले में व्हाईट टाइगर के अलावा ऐसे वन्यजीव की मांग कर रहे थे, जिनकी संख्या सफारी में कम है। इस वजह से वन्यजीवों की अदला-बदली नहीं हो पा रही थी।

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