अबूझमाड़ में बड़ी जीत: बसव राजू समेत 27 नक्सली ढेर, सीएम बोले- बस्तर अब शांति की राह पर

रायपुर। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान में ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए 27 कुख्यात नक्सलियों को ढेर कर दिया है। इनमें माओवादी सेंट्रल कमेटी का शीर्ष नेता और ₹3.25 करोड़ का इनामी बसव राजू भी शामिल है। इस बड़ी कार्रवाई की जानकारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने इसे नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ करार दिया और कहा कि बस्तर अब तेजी से शांति की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री का बयान: नक्सलवाद बस्तर और देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा
मुख्यमंत्री ने कहा, “बस्तर लंबे समय से नक्सलवाद की गिरफ्त में है। यहां के आदिवासियों को भय के साये में जीवन बिताने को मजबूर होना पड़ा है। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार नक्सलवाद के समूल खात्मे की दिशा में तेजी से काम कर रही है।”
बसव राजू की मौत बनी मील का पत्थर
सीएम साय ने कहा कि नक्सल आंदोलन की रीढ़ माने जाने वाले बसव राजू की मौत सुरक्षा बलों की अभूतपूर्व सफलता है। यह पहली बार है जब किसी सेंट्रल कमेटी के बड़े माओवादी नेता को ढेर किया गया है। उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई के लिए महीनों से इनपुट मिल रहे थे और कर्रेगुड़ा की पहाड़ियों में नक्सलियों की बड़ी मौजूदगी की जानकारी थी।
डबल इंजन सरकार का असर
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार की संयुक्त रणनीति और सहयोग से यह सफलता संभव हुई है। उन्होंने यह भी दोहराया कि हिंसा का रास्ता छोड़ने वालों के लिए सरकार ने बेहतर पुनर्वास नीति बनाई है, जिसमें सरेंडर करने पर जमीन तक देने का प्रावधान है।
गृह मंत्री का लक्ष्य: 2026 तक नक्सलवाद का समूल खात्मा
राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि भाजपा सरकार के गठन के बाद से अब तक 424 नक्सली मारे गए और 1,355 ने आत्मसमर्पण किया है। मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि नक्सली बस्तर के आदिवासियों को मारना चाहते हैं, लेकिन सरकार उन्हें ऐसा कभी नहीं करने देगी।
एडीजी विवेकानंद ने दी ऑपरेशन की जानकारी
नक्सल ऑपरेशन के एडीजी विवेकानंद ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के नक्सल विरोधी अभियान का अब तक का सबसे बड़ा दिन है। ऑपरेशन की सफलता बसव राजू के मारे जाने से मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन कैंप से करीब 35 किलोमीटर दूर, तीन दिनों तक घने जंगल में चलाया गया। अबूझमाड़ को पहले सुरक्षा विहीन क्षेत्र माना जाता था, लेकिन अब वहां भी सुरक्षा कैम्प स्थापित हो चुके हैं।