श्रवण मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। सनातन धर्म में सावन के महीने को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इस पवित्र माह में भगवान शंकर की आराधना कर उनकी कृपा को प्राप्त किया जा सकता है।
सावन के छठवें सोमवार के दिन महादेव की अर्धनारीश्वर रूप में पूजा करने से शिव भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह पुरुषोत्तम मास का भी अंतिम सोमवार है। छठवें सोमवार को नगर के प्रमुख शिवालयों में शिवभक्तों की अपार भीड़ उमड़ेगी।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार सावन के पांच सोमवार बीत चुके हैं। 14 अगस्त को सावन के अधिक मास का आखिरी सोमवार व्रत होगा। रोग, ऋण, शत्रु से छुटकारा पाने के लिए यह छठवां सोमवार का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दिन सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, आडल योग, विडाल योग के साथ मासिक शिवरात्रि भी रहेगी। इसके साथ ही पुनर्वसु नक्षत्र 11:07 तक उसके बाद पुष्य नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11:12 से 15 अगस्त की सुबह 5:22 तक रहेगा। सिद्धि योग 13 अगस्त को दोपहर 3:40 से शुरू होगा और 14 अगस्त को दोपहर 4:51 तक रहेगा।
भोलेनाथ की पूजा के समय योग नक्षत्र का रहेगा दुर्लभ संयोग
गन्ने के रस से करे अभिषेक इन सारे संयोग में भगवान भोलेनाथ का गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करने से रोग, ऋण, शत्रुओं से छुटकारे के साथ लक्ष्मी का आवागमन होगा, एवं पारिवारिक समरसता बढ़ेगी।