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छत्‍तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन आज, विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर होगी चर्चा

vidhansabha

रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा होगी। इससे पहले तीसरे दिन विपक्षी भाजपा विधायकों की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को चर्चा नहीं हो सकी।

विधि मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि सदस्यों ने मंत्रिमंडल के विरूद्ध जो भी अविश्वास प्रस्ताव लाया है। उन्होंने जो भी बिंदु दर्शाया है, उसकी कापी बहुत देर से मिली। इसलिए इस पर कल चर्चा करा लिया जाए। विपक्ष के विरोध के बीच सदन ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए शुक्रवार की दोपहर 12 बजे से शाम 5:30 बजे तक का समय निर्धारित कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन में हंगामे के बीच तीन संशोधन विधेयक हुए पारित

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को तीन संशोधन विधेयक पारित हुए। इनमें संसदीय कार्यमंत्री रबिंद्र चौबे ने छत्तीसगढ़ विधानमंडल सदस्य निरर्हता निवारण संशोधन विधेयक पेश किया। विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में सत्तापक्ष-विपक्ष की तीखी बहस के साथ हंगामा भी हुआ। विपक्षी दल के विधायकों ने डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम के जरिए सरकार को घेरने की कोशिश की।

भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा और अजय चंद्राकर ने कहा कि डा. टेकाम में जरा भी स्वाभिमान है, तो उन्हें योजना आयोग अध्यक्ष पद स्वीकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनके लिए संशोधन विधेयक लाया गया, क्या ऐसी स्थिति में भी इस पद को टेकाम स्वीकार करेंगे। शिवरतन ने कहा कि इस संशोधन को लाने का प्रमुख कारण इनका आंतरिक कलह है। विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा वह आदमी 45 साल पहले मंत्री थे और जिस बेरहमी से उनको निकला गया, उसके बाद उनको यह पद देकर उनको लालीपाप पकड़ाने के लिए , वह भी तरीके से कर लेते।

कहने के लिए हमारे पास भी बहुत कुछ: चौबे

संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि धरमलाल कौशिक को किस दुर्गति से नेता प्रतिपक्ष पद से हटा दिया गया। क्या हमने ये नहीं देखा है? आदिवासी दिवस के दिन इनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को हटा दिया। क्या हमने नहीं देखा? कहने को हमारे पास भी बहुत कुछ है। चर्चा के बाद छत्तीसगढ़ विधानमंडल सदस्य निरर्हता निवारण संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया।

छत्तीसगढ़ में खुलेगा 17वां निजी विश्वविद्यालय

विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) संशोधन विधेयक 2023 सर्वसम्मति से पारित हुआ। इसमें श्री दावड़ा विश्वविद्यालय को प्रदेश के 17वें निजी विश्वविद्यालय के रूप में शामिल किया गया। विधानसभा में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के प्रस्ताव का विपक्ष ने भी समर्थन किया। यह विश्वविद्यालय रायपुर के अभनपुर स्थित भेलवाडीह गांव में स्थापित किया जाएगा। इसमें पत्रकारिता, कला, विज्ञान, शिक्षा, होटल प्रबंधन, व्यावसायिक शिक्षा, एमफिल और पीएचडी के पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि शिक्षा सरकार का सामाजिक दायित्व है, इसमें कितना व्यय हो रहा है यह नहीं बताया मगर चीन के बाद भारत है जहां के विद्यार्थी विदेश जाकर पढ़ाई कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि शिक्षा के क्षेत्र में असंतुलन बना हुआ है। केवल राजनांदगांव, रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में ही शिक्षा के संस्थान खोले जा रहे हैं। यूनिवर्सिटीज बाजारवाद में प्रवेश कर रही हैं।

कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने कहा कि ट्राइबल इलाकों में अगर कोई शिक्षण संस्थान खुल रहा है तो वहां विशेष छूट देना चाहिए। भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि हम विश्वविद्यालय खोलने से पहले भौगोलिक संतुलन क्यों नहीं कर रहे हैं ? उच्च शिक्षा मंत्री पटेल ने कहा कि जब हमने ज्वाइन किया उस समय प्रदेश के उच्च शिक्षा में जीईआर 17 प्रतिशत था, आज यह 22 प्रतिशत हो गया है। हमने बस्तर में आठ कालेज शुरू किए हैं और हमारी सरकार ने दूरस्थ इलाकों को फोकस किया है।

भारतीय स्टाम्प (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक, 2023 पारित

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भारतीय स्टाम्प (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। इसमें मंत्री ने बताया कि इसकी धारा 35 में संशोधन इसलिए आवश्यक है क्योंकि कलेक्टर आफ स्टाम्प द्वारा पारित आदेश के दिनांक से शास्ति का प्रविधान है और न्यूनतम शास्ति केवल पांच रुपये मात्र है। इससे प्रकरणों के निराकरण में विलंब होता है। इसी तरह कलेक्टर द्वारा आदेशित कम स्टाम्प शुल्क की राशि कम से कम 25 प्रतिशत जमा करने के बाद ही अपील स्वीकार करने की संबंधी प्रविधान किया गया है। विधेयक पारित कर दिया गया।

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