साय कैबिनेट में तीन नए चेहरे : राजेश अग्रवाल है 12वी पास, गजेन्द्र और गुरु खुशवंत है काफी पढ़े-लिखे

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लंबे समय के इंतजार के बाद आख़िरकार बुधवार को साय कैबिनेट का विस्तार हो गया। इस दौरान मंत्रिमंडल में तीन विधायक गुरु खुशवंत साहेब, गजेन्द्र यादव और राजेश अग्रवाल शामिल हो गए हैं। इस प्रकार से अब छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णुदेव साय को मिलकर 4 मंत्रियों की टीम बन गई है। भाजपा ने तीन विधायकों को मंत्री बनाकर जातिगत संतुलन को साधने का काम किया है।
छत्तीसगढ़ में कुल पांच संभाग हैं ऐसे में अब हर संभाग को अपना मंत्री मिल गया है। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद सीएम साय समेत मंत्रियों की कुल संख्या 4 हो गई है। इसी के साथ सरगुजा संभाग को सबसे अधिक पांच मंत्री, बिलासपुर और दुर्ग तीन, रायपुर दो और बस्तर को एक मंत्री मिल गया है।
साय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले तीनों मंत्री दुर्ग, रायपुर और सरगुजा संभाग से आते हैं। इनमें से गजेन्द्र यादव ओबीसी वर्ग, गुरु खुशवंत साहेब एससी और राजेश अग्रवाल वैश्य वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। तीनों ने मंत्री पद की शपथ ली है, ऐसे में आइये जानते हैं मंत्रियों की पृष्ठभूमि और राजीनीतिक सफ़र के बारे में।
12वीं पास तक पढ़ें हैं राजेश अग्रवाल
विधायक राजेश अग्रवाल का जन्म सरगुजा जिले में 1966 एक व्यापारी परिवार में हुआ था। वे मारवाड़ी घराने से ताल्लुक रखते हैं उनके पिता चांदीराम अग्रवाल लखनपुर के बड़े व्यापारी थे। उन्होंने महज 12वीं तक की ही पढ़ाई की है इसके बाद वे अपने घर के व्यवसाय में जुट गए। राजेश अग्रवाल प्रदेश की हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट अंबिकापुर से विधायक है। उन्होंने सरगुजा संभाग में राजनीतिक पकड़ रखने वाले पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को महज 94 वोटों से हराकर 2023 के विधानसभा चुनाव जीत दर्ज की थी। अग्रवाल मूलरूप से लखनपुर के रहने वाले हैं। पूर्व में नगर पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। राजेश अग्रवाल को अब साय सरकार में अहम जिम्मेदारी मिल गई है।
आरएसएस से ताल््लुक रखते हैं यादव
विधायक गजेन्द्र यादव का जन्म दुर्ग जिले के एक किसान परिवार में 1978 में हुआ था। उन्होंने अपने स्रातकोत्तर की पढ़ाई रायपुर के पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से पूरी की है। गजेन्द्र यादव राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता भी आरएसएस में सक्रीय रूप से लगातार कार्य करते रहे हैं। बात करे राजनितिक पृष्ठभूमि के बारे में तो, यादव ने पार्षद चुनाव से राजनितिक कैरियर की शुरुआत की थी। वे साल 1999- 2004 तक पार्षद रहे हैं. इसके बाद दो बार भाजपा किसान मोर्चा के मंत्री भी रहे हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण वोरा को हराकर जीत हासिल की थी। वर्तमान में वे दुर्ग ग्रामीण से विधायक हैं और वे पहली बार मंत्री बने हैं।
सतनामी समाज के गुरु हैं खुशवंत साहेब
विधायक गुरु खुशवंत साहेब का जन्म 27 मार्च 1989 में आरंग विधानसभा क्षित्र में हुआ था। गुरु खुशवंत साहेब सतनामी समाज के धर्मगुरु है। वे धर्मगुरु बाल दास के बेटे हैं और एससी वर्ग से आते हैं। खुशवंत साहेब ने 2017 में मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर से एम.टेक. की पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद वे राजनीति से जुड़े और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के महज तीन महीने पहले कांग्रेस को छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। इस बीच उन्हें आरंग विधानसभा सीट से टिकट मिला और अपने पहले ही चुनाव में उन्होंने अपने समाज के करीबी प्रतिद्वंदी पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया को हराकर जीत हासिल की। विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने अपनी पहली ही बारी में उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली है।