इंफाल : मणिपुर में हिंसा के ताजा मामले में तीन लोगों की मौत की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मणिपुर के उखरुल जिले में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में तीन गांव वालों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उखरुल जिले के थोवाई कुकी गांव में गांव की सुरक्षा में लगे लोगों और उग्रवादियों में भारी गोलीबारी हुई, जिसमें तीन गांव वाले मारे गए।
उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में तीन गांव वालों की मौत
मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है। गोलीबारी के बाद ये तीनों लोग लापता था। गोलीबारी रुकने के बाद इन तीनों की तलाश की गई तो तीनों के शव बरामद हुए। बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है।
इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
सीबीआई ने शुरू की मणिपुर हिंसा की जांच
वहीं केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने मणिपुर हिंसा की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए 53 अफसरों की टीम बनाई गई है, जिसमें 29 महिला अफसरों को शामिल किया गया है। सीबीआई की टीम में तीन डीआईजी लवली कटियार, निर्मला देवी और मोहित गुप्ता और सुपरीटेंडेंट ऑफ पुलिस राजवीर सिंह भी शामिल हैं। ये अधिकारी सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर घनश्याम उपाध्याय को अपनी रिपोर्ट देंगे। बता दें कि यह पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में महिला जांच अधिकारियों को जांच टीम में शामिल किया गया है।