नई दिल्ली: प्रकृति ने हमें खाने-पीने, रहने के लिए बहुत सी चीजें दी हैं। कुछ चीजें मशीनों के जरिए भी बनाई जाने लगी हैं लेकिन रेशम का कोई विकल्प नहीं है। हां वही, सिल्क जिसकी साड़ियां तैयार होती हैं। शायद आपने किताबों में पढ़ा हो कि एक कीड़े से रेशम मिलता है लेकिन कैसे? ‘जंगल न्यूज’ में आज पढ़िए उस कीड़े की दर्दनाक कहानी।
बताते हैं कि सिल्क बनाने का फॉर्म्युला चीन ने खोजा था और काफी समय तक इसे छिपाकर रखा। सफेद रंग के दिखने वाले छोटे से कीड़े को मारकर रेशम हासिल किया जाता है। इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है जिस कारण चमचमाते, मुलायम रेशम के कपड़े महंगे बिकते हैं। दुखद पहलू यह है कि रेशम के कीड़े की उम्र मात्र 2-3 दिन ही होती है। अब आप सोचिए कि ये जीवन के 72 घंटे में ही हमारे लिए रेशम बुन देता है। ये सिल्कवॉर्म 72 घंटे के जीवन में 300-400 अंडे देते हैं। 10 दिन बाद हर अंडे से एक कीड़ा निकलता है। इसे ही लारवा कहा जाता है। इसके आगे की प्रक्रिया दिलचस्प है।
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Wow! That’s how silk is made pic.twitter.com/7B6lEpFQHI
— Morissa Schwartz 📚 (Dr. Rissy) (@MorissaSchwartz) March 22, 2023
जन्म के बाद लारवा अपने मुंह से लिक्विड प्रोटीन छोड़ते हैं। यह लिक्विड हवा के संपर्क में आने पर जालानुमा ठोस बनता जाता है। देखने में आपको यह मकड़ी के जाले जैसा लग सकता है लेकिन यह असल में धागा होता है। कुछ घंटों में ही इस कीड़े के चारों ओर कैप्सूल जैसा घेरा बन जाता है।
इसे आप कीड़े का घर भी कह सकते हैं। इसे कुकून कहते हैं। इसके बाद सिल्क हासिल करने के लिए सारे कुकून को गरम पानी में डाल दिया जाता है। कीड़े मर जाते हैं लेकिन कुकून से सिल्क मिल जाता है। एक कुकून से कम से कम 500-1000 मीटर सिल्क का धागा मिल सकता है।
कैप्सूल बनाते हैं कीड़े और… दर्दनाक मौत
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें आप पूरी प्रक्रिया को आसानी से देख सकते हैं। इन कीड़ों को इकट्ठा किया जाता है। इन्हें एक जालेनुमा ढांचे में कुछ समय के लिए रखा जाता है। यह ढांचा विशेष रूप से बनाया जाता है जिससे कीड़े अपना कुकून तैयार कर सकें।
सफेद कीड़ों का आवरण देखने में गोल्डेन कलर का दिखाई देता है। ये कीड़े 24 घंटे काम करते हैं और धागा बुनते हैं। यह धागा उनके घर की दीवार होती है। बाद में इन पीले कैप्सूल को निकालकर गर्म पानी में डाला जाता है। यह पूरा काम हाथ से किया जाता है और इसमें लगने वाले समय के कारण रेशम के कपड़े काफी महंगे बिकते हैं।