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धान की कस्टम मिलिंग पर इस बार प्रोत्साहन राशि मिलेगी 60 रुपए क्विंटल

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की वर्ष 2024- 25 की धान कस्टम मिलिंग की नई नीति जारी कर दी गई है। इस सीजन में मिलरों को कस्टम मिलिंग पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित मिलिंग दर के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दर 60 रुपए प्रति क्विंटल दी जाएगी। पिछले साल यही दर 120 रुपए प्रति क्विंटल थी। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि प्रोत्साहन के संबंध में स्लेब की व्यवस्था नहीं होगी। किसी भी स्थिति में समिति स्तर पर या मार्कफेड के संग्रहण केंद्र मिलर्स को धान छंटनी कर नहीं दिया जाएगा। मिलर्स को धान का पूरा एक स्टेक हस्तांतरित किया जाएगा, जिसमें 120 मीट्रिक टन यानी 3000 बोरा धान शामिल होगा।

ये हैं नई नीति के प्रमुख बिंदु

पिछले साल की तरह इस साल प्रोत्साहन राशि के संबंध में स्लेब व्यवस्था नहीं रहेगी। मिलर द्वारा न्यूनतम 02 माह की क्षमता अथवा जिले में उपलब्ध, अंतर जिला में आबंटित धान की मात्रा के आधार पर कस्टम मिलिंग करने पर उक्त राशि की दर में से 50 प्रतिशत राशि का भुगतान कस्टम मिलिंग शुल्क के साथ किया जाएगा। शेष 50 प्रतिशत राशि का भुगतान केन्द्रीय पूल में निर्धारित लक्ष्य की पूर्ण मात्रा के जमा होने के बाद किया जाएगा।

बारदाना की व्यवस्था

भारत सरकार की नवीन बारदाना नीति के अनुसार मिलर द्वारा नए जूट बारदाने में उपार्जित धान की मिलिंग के बाद नए बारदाने में चावल जमा किया जाएगा। मार्कफेड के पास यदि वर्ष 2023-24 के नए जूट बारदाने शेष रहते हैं और यदि खाद्य विभाग भारत सरकार से एफसीआई में चावल उपार्जन की अनुमति मिलती है तो एफसीआई में 2023-24 के नए बारदानों में चावल उपार्जन किया जाएगा।

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