‘यह सनातन का अपमान है…’, बाबा बागेश्वर को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत, भूपेश बघेल के बयान पर सीएम साय का पलटवार

रायपुर : प्रसिद्ध कथावाचक और बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बाबा बागेश्वर) इन दिनों छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. वह दुर्ग जिले के भिलाई शहर में पांच दिवसीय हनुमंत कथा करने आए हैं. इस बीच प्रदेश में उनके दौरे और बयान को लेकर सियासत गरमा गई है. बाबा बागेश्वर के भूपेश बघेल के विदेश जाने वाले बयान पर बघेल ने पलटवार किया था. भूपेश बघेल ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री को ढोंगी बताते हुए भाजपा का एजेंट कह दिया था. अब भूपेश बघेल के बयान पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और डिप्टी CM विजय शर्मा ने पलटवार किया है.

‘सनातन का अपमान है….’

सीएम विष्णु देव साय ने कहा- ‘हमारा देश ऋषि-मुनियों का देश है. संत को एजेंट कहना सनातन का अपमान है. बाबा बागेश्वर को भाजपा का एजेंट कहना गलत है.’ भूपेश बघेल के बयान पर प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भी पलटवार किया है. उन्होंने कहा- ‘बाबा बागेश्वर समाज को जोड़ने का काम कर रहे हैं. भूपेश बघेल को इसमें दिक्कत क्या है? भूपेश के पास भीड़ नहीं जुटती और महाराज के पास जुटती है.’

अजय चंद्राकर ने भी भूपेश बघेल को घेरा

भूपेश बघेल के बयान पर कुरुद से भाजपा  विधायक अजय चंद्राकर ने भी पलटवार किया है. उन्होंने कहा- ‘भूपेश बघेल हनुमान चालीसा पढ़ते होंगे ठीक है, लेकिन खड़े तो कुंभकरण और रावण के साथ हैं. तो हनुमान चालीसा का प्रभाव उनके साथ कहां है? जीवन में किसी ग्रंथ का प्रभाव नहीं पड़ना ये बताता है की वह कैसे लोगों के साथ जुड़े हैं.’

जानें पूरा मामला-

दरअसल, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 5 दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. भूपेश बघेल ने बाबा बागेश्वर के दिव्य दरबार को अंध विश्वास बताया था. इस पर बाबा बागेश्वर ने पलटवार करते हुए कहा था- ‘जिन्हें लगता है कि हिंदुओं को एकजुट करना और देशभक्ति की बात करना अंधविश्वास है तो उन्हें देश छोड़कर चले जाना चाहिए.’

बाबा बागेश्वर के इस बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा था- ‘पंडित धीरेंद्र शास्त्री छत्तीसगढ़ में पैसा बटोरने आते हैं. जबसे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म नहीं हुआ था तब से हनुमान चलीसा पढ़ रहे हैं. शास्त्री से मेरा बेटा भी 10 साल बड़ा है. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कल के बच्चे हैं.

बीजेपी के एजेंट के रूप में काम करते हैं. दिव्य दरबार से ठीक हो रहे हैं तो मेडिकल कॉलेज क्यों खोल रहे हैं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती देता हूं कि छत्तीसगढ़ के किसी भी साधु संत शास्त्रार्थ कर लें. छत्तीसगढ़ में कबीर और गुरु घासीदास की वाणी गूंजती है. वो हमको क्या सनातन धर्म सिखाएंगे. दूसरे प्रदेश में होते तो बोल भी नहीं पाते.’

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