डीए के इन्तजार में वेतन भुगतान में हो सकता है विलम्ब, डीडीओ ने कोषालयो में अब तक नहीं लगाए वेतन देयक

वित्त विभाग से अब तक जारी नहीं हुआ डीए का आदेश

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पौने चार लाख से अधिक शासकीय सेवकों के डीए में 4 प्रतिशत की वृद्धि के मामले में पेंच फंसता नजर आ रहा है। दरअसल हुआ ये है कि, विभिन्न विभागों के कर्मियों के वेतन के लिए संबंधित विभाग के आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डीडीओ) कोषालयों में हर महीने की 22 तारीख को वेतन देयक लगाते हैं, लेकिन इस बार 4 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद में वेतन देयक नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में डीए तो दूर वेतन मिलने में भी देरी हो सकती है।

ये है मामला

छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवकों को केंद्र सरकार के समान 46 प्रतिशत डीए देने के लिए 4 प्रतिशत की वृद्धि की जानी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले ही कह चुके हैं कि वे केंद्र के समान डीए देने को तैयार है। यह बात उन्होंने दीपावली के पहले कही थी। ये भी कहा था कि अधिकारी इस संबंध में जरुरू कदम उठाएं। आयोग की अनुमति भी अब मिल चुकी है। खास बात ये है कि डीए का आदेश राज्य सरकार इसलिए जारी नहीं कर पा रही थी क्योंकि प्रदेश में इस समय चुनाव आचार संहिता लगी है। लेकिन इसी बीच भारत निर्वाचन आयोग से डीए की अनुमति मिल चुकी है। लेकिन इसके बाद भी मामला अटका हुआ है। बताया गया है कि डीए संबंधी फाईल मुख्यमंत्री सचिवालय में रूकी हुई है। मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होने के बाद ही वित्त विभाग आदेश जारी करने संबंधी कार्यवाही कर सकेगा

डीए के इंतजार की वजह से जमा नहीं

इधर ये भी जानकारी मिली है कि सरकार के विभिन्न विभागों के कर्मियों के वेतत के देयक अब तक कोषालयों में जमा नहीं हो पाए हैं। सूत्रों के अनुसार यह देयक डीए के इंतजार की वजह से जमा नहीं हुए है। डीए का आदेश जारी होने की स्थिति में वेतन देयक में डीए की बढ़ी हुई 4 प्रतिशत राशि शामिल होती। लेकिन यह आदेश नहीं हो पाया है। बताया गया है कि सरकारी विभाग हर महीने की 22 तारीख को वेतन देयक कोषालय में लगाते हैं। अब जानकारों की कहना है कि डीए का आदेश तो अब तक हुआ नहीं, लेकिन इसकी वजह से हर महीने मिलने वाले वेतन में भी देरी हो सकती है।

फेडरेशन ने की है बड़ी पहल

कर्मियों के डीए के मामले को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने बड़ी पहल की है। डीए की अनुमति हासिल करने के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से लेकर भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष बात रखी गई। फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा के मुताबिक उन्होंने संबंधित दस्तावेज मुख्यमंत्री कार्यालय तक पंहुचवाएं हैं। लेकिन अब तक डीए का आदेश जारी नहीं हुआ है। इस संबंध में वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डीए के आदेश की फाईल प्रोसेस होने के बाद आदेश जारी किया जाएगा। फिलहाल ये काम नहीं हुआ है।

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