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देश में अमेरिकी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने की योजना में दिख सकती है तेजी, UGC ने दिए संकेत

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के देश में कैंपस खोलने के ऐलान के बाद अमेरिका के भी कई शीर्ष विश्वविद्यालय देश में अपने कैंपस खोलने की तैयारी में है।

हालांकि यह कब तक खुलेंगे इसे लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पायी है, लेकिन गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन के बीच शैक्षणिक और शोध के क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत बनाने को लेकर जो सहमति बनी है, उसके बाद से यह उम्मीद जगी है कि अमेरिकी विश्वविद्यालय देश में अपने कैंपस खोलने को लेकर जल्द ही फैसला ले सकते है।

शैक्षणिक साझेदारी को मजबूति देने पर बनी सहमति

फिलहाल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भी इसके संकेत दिए है। दोनों देशों के बीच शिक्षा, शोध व कौशल विकास के क्षेत्र में आपसी साझेदारी को और मजबूती देने को लेकर बनी इस सहमति को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अहम बताते हुए इसे सराहा है। साथ ही कहा है आने वाले दिनों में इसके परिणाम देखने को मिलेंगे।

इस बीच यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने शनिवार को दोनों देशों के बीच बनी इस सहमति को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ रहे सहयोग को रफ्तार देने वाला और देश में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने की पहल को आगे बढ़ाने वाला बताया है।

अमेरिका के कई शीर्ष विश्वविद्यालयों ने यूजीसी से किया संपर्क

उन्होंने कहा कि यह पहल इसलिए भी अहम है क्योंकि देश में इन दिनों विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने की पहल तेजी से चल रही है। अमेरिका के कई शीर्ष विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने यूजीसी से संपर्क किया है। साथ ही देश में अपने कैंपस खोलने की इच्छा जताई है।

दोनों देशों के बीच संयुक्त टास्क फोर्स का गठन भी एक बड़ा फैसला है। खासबात यह है कि दोनों देशों के बीच इस साझेदारी को लेकर सिर्फ भारत ही उत्साहित नहीं है बल्कि अमेरिका भी है। जिसका जिक्र दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में किया गया है।

अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या में हुई बढ़ोतरी

अमेरिका ने अपने बयान में कहा है कि भारतीय छात्र जल्द ही अमेरिका में सबसे बड़ा विदेशी छात्र समुदाय बनने की ओर बढ़ रहा है। पिछले साल ही तुलना में अमेरिका पढ़ने आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है।

यही वजह है कि आइआइटी सहित कई शीर्ष भारतीय संस्थान भी अमेरिका में अपने कैंपस खोलने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि दोनों देश जल्द ही एक-दूसरे के शीर्ष संस्थानों को अपने यहां कैंपस खोलने की अनुमति दे सकते है।

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