काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की भारत यात्रा की जारी तैयारियों के बीच यह खबर है कि उस दौरान होने वाले समझौतों के बारे में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत शुरू हो गई है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की बातचीत के बाद जारी होने वाली साझा विज्ञप्ति के मसौदे पर भी चर्चा चल रही है। अब मिली सूचना के मुताबिक दहल की नई दिल्ली यात्रा के कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया गया है। दहल 31 मई से तीन जून तक भारत की यात्रा पर रहेंगे।
नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सउद ने अखबार काठमांडू पोस्ट से बातचीत में कहा कि भारत जाने वाले प्रतिनिधिमंडल को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसमें कितने लोग जाएंगे, इस बारे में अभी विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने बताया कि दहल की यात्रा के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के सिलसिले में नई दिल्ली स्थित नेपाली राजदूत शंकर शर्मा ने गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी।
नेपाल सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया है कि दहल की यात्रा के दौरान कई समझौते और सहमति पत्रों पर दस्तखत होंगे। एक जून को दहल और प्रधानमंत्री मोदी के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। जिन समझौतों पर दस्तखत होंगे, उनमें एक का संबंध डिजिटल पेमेंट के ऐसे सिस्टम से है, जिससे ई-वॉलेट का इस्तेमाल करते हुए एक से दूसरे देश में भुगतान किया जा सकेगा। इसके अलावा दो पुल बनाने संबंधी प्रस्तावित करार पर भी सहमति बन चुकी है।
नेपाल के अधिकारियों ने कहा है कि नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता के दौरान सीमा विवाद पर भी चर्चा होगी। प्रधानमंत्री दहल के एक सहयोगी ने काठमांडू पोस्ट से कहा- ‘सबसे पहले इस मुद्दे पर राजनीतिक स्तर पर वार्ता होगी और उसके बाद विवाद को हल करने के लिए किसी अन्य समिति को इसे सौंप दिया जाएगा। संभव है कि यह समिति विदेश सचिव स्तर या उससे निम्न स्तर की हो। लेकिन दहल की इस यात्रा के दौरान सीमा विवाद पर चर्चा अवश्य होगी।’
सीमा विवाद नेपाल में एक भावनात्मक मुद्दा बना हुआ है। विपक्षी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) के नेता इस बारे में दहल सरकार पर दबाव बढ़ाने की कोशिशों में लगातार जुटे हुए हैं। पर्यवेक्षकों के मुताबिक इस माहौल को देखते हुए दहल के लिए इस मुद्दे को पूरी तरह दरकिनार करना संभव नहीं है। ऐसा करने पर यूएमएल उन पर राष्ट्रीय हितों से समझौता करने और भारत के आगे ‘कायरता दिखाने’ के आरोप लगाएगी।
नेपाल भारत के साथ ऊर्जा कारोबार का दीर्घकालिक समझौता करने पर भी जोर डाल रहा है। वह ऐसा समझौता चाहता है, जिससे नेपाल इलेक्ट्रिसिटी ऑथरिटी को भारत में बिजली की बिक्री करने के हर सौदे के पहले मंजूरी लेने की जरूरत ना पड़े। नेपाल सरकार भारत-नेपाल द्विपक्षीय पारगमन संधि में संशोधन का प्रस्ताव भी रखेगा। सरकारी अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि दहल इस मामले में भारत को राजी करने में सफल रहेंगे और इस बात की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी वार्ता के बाद जारी होने वाली साझा विज्ञप्ति में होगी।