चेन्नई : तमिलनाडु में बीते साल सितंबर में चेंगलपेट इलाके के गांव में झोपड़ी में आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पुलिस ने इसे हादसा मानकर जांच लगभग बंद कर दी थी लेकिन फिर पुलिस के हाथ कुछ ऐसी जानकारी मिली कि पुलिस ने फिर से इस मामले की जांच शुरू की। जांच शुरू करने के बाद जो खुलासा हुआ, उससे पुलिस भी हैरान रह गई। जांच में पता चला कि जिसे वह मरा मान रहे थे, वह असल में जिंदा है और उसने अपनी मौत की साजिश रचने के लिए अपने दोस्त की जघन्य हत्या की थी।
क्या है मामला
दरअसल सुरेश आर (38 वर्षीय) नामक युवक चेन्नई में रहकर जिम में फिजिकल ट्रेनर का काम करता था। बीते दिनों ही वह चेन्नई से वापस अपने गांव चेंगलपेट के अल्लानूर में आकर रहने लगा था। बीते साल 16 सितंबर को सुरेश जिस घर में रहता था, उसमें आग लग गई। आग में एक व्यक्ति की जलकर मौत हुई थी, जिसे सुरेश की मां ने अपना बेटा बताया था। इस पर पुलिस ने भी यही माना कि मारा गया युवक सुरेश है, लेकिन दिसंबर में पुलिस को सूचना मिली कि सुरेश असल में जिंदा है। इस पर पुलिस ने घटना की जांच शुरू की।
सुरेश की मौत के बाद से ही गायब था दोस्त
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सुरेश का एक दोस्त दिल्ली बाबू (39 वर्षीय) उस समय से गायब है, जब सुरेश की मौत हुई थी। बाबू के परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस ने बाबू के बड़े भाई पलानी से पता चला कि दिल्ली बाबू अक्सर सुरेश के घर जाता था और दोनों दोस्त थे। इस पर पुलिस को शक हुआ तो पुलिस ने सुरेश और दिल्ली की दोस्त के एंगल से जांच की तो पता चला कि जब सुरेश के घर में आग लगी थी तो दिल्ली बाबू भी उससे पहले उसी जगह के आसपास देखा गया था।
पुलिस ने ऐसे किया खुलासा
इस बीच पुलिस को पता चला कि सुरेश को किसी ने देखा है। जांच के दौरान पुलिस को हरिकृष्ण के बारे में पता चला जो सुरेश का करीबी दोस्त था। इस पर पुलिस हरिकृष्ण के वेल्लोर स्थित घर पहुंची, जहां पुलिस को हरिकृष्ण के पिता से उसका फोन नंबर मिल गया। इस फोन नंबर की मदद से पुलिस वेल्लोर के अराकोनम इलाके में हरिकृष्ण के ठिकाने पर पहुंच गई। जब पुलिस हरिकृष्ण के कमरे पर पहुंची तो वहां हरिकृष्ण के साथ ही सुरेश भी मिल गया।
इसके बाद पुलिस ने सुरेश से पूछताछ की तो पता चला कि सुरेश ने अपना एक करोड़ रुपये का बीमा कराया था। इस बीमे की रकम पाने के लिए उसने दिल्ली बाबू की हत्या कर अपनी मौत की साजिश रची थी ताकि उसे इंश्योरेंस के एक करोड़ रुपये मिल सकें। इस काम में सुरेश को हरिकृष्ण और गांव के ही एक अन्य दोस्त कीर्ति रंजन का भी साथ मिला। फिलहाल पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।