राज्य सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से लिए दो हजार करोड़ का ऋण, प्रदेश का कुल कर्ज 84 हजार करोड़ रुपए
रायपुर : जनता से किए वादे पूरे करने के लिए राज्य सरकार ने पांच हजार करोड़ की व्यवस्था कर ली है। इनमें से सरकार ने दो हजार करोड़ का लोन आरबीआई से ले लिया है जबकि तीन हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पास आगामी पावस सत्र में करने की तैयारी है।
बताया गया है कि दो हजार करोड़ रुपए के लोन का भुगतान 7 साल में करने की गारंटी दी गई है। मालूम हो कि कोरोनाकाल के समय और वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार ने बेहतर फाइनेंशियल मैनेजमेंट किया था। अपने वित्तीय संसाधनों व कर वसूली के जरिए प्रदेश के खर्चों व जरूरतों को पूरा करने में सफलता मिली।
उसने करों से लगभग 17 हजार करोड़ रुपए जमा किए। केंद्र से भी उसे करीब 10 हजार करोड़ रुपए मिले थे। राज्य को अब भी लगभग 5 हजार करोड़ रुपए लेने हैं। इधर, छत्तीसगढ़ के साथ ही दर्जनभर राज्यों ने आरबीआई के ऑफर पर लोन उठाया है। प्रदेश का कुल कर्ज 84 हजार करोड़ रुपए हो गया है। मुख्यमंत्री ने पिछले बजट सत्र में सरकार पर 82.12 हजार करोड़ का कर्ज होने की बात कही थी। चार साल से इस पर औसतन 460 करोड़ रुपए ब्याज भी पटाया जा रहा है। 2018 के अंत में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई। राज्य के लिए उसने 2019 से जनवरी 23 तक 54,492 करोड़ रुपए लोन लिया है।
केंद्र ने किया 586 करोड़ का भुगतान
राज्य सरकार को जीएसटी के करीब 586 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से मिले हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के बकाए का भुगतान किया है। 2017 से इस साल जून तक राज्य सरकार को केंद्र सरकार से 1457 करोड़ रुपए लेने हैं। सीएम भूपेश बघेल केंद्र सरकार को जीएसटी, कैंपा समेत केंद्रांश के रूप में मिलने वाली लंबित राशि देने कई पत्र भी लिख चुके हैं। मार्च 2022 जून तक करीब 871 करोड़ रुपए लेना शेष है। नए वित्तीय वर्ष में पहली तिमाही में जीएसटी कलेक्शन में 21 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करने का दावा किया गया है। विभाग ने अप्रैल से जून तक 4512 करोड़ रुपए टैक्स कलेक्शन किया है।