ब्रज की परिधि चौरासी कोस तक फैली हुई है, लेकिन इसमें सबसे प्यारा वृंदावन धाम है। यहां की हर गली में भगवान कृष्ण ने अपना बचपन गुजारा है। वृंदावन में आज कई मंदिर हैं, जो अपने में कई कहानियों को समेटे हुए हैं। ऐसा ही एक मंदिर है, जो बहुत ही रहस्यमयी है। इस मंदिर के बारे में कहते हैं कि इस मंदिर से भगवान विष्णु के बैकुण्ठ का मार्ग जाता है।
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने विस्तार से बताया है कि यह कौन सा मंदिर है। इससे जुड़ी कथा और महत्व के बारे में भी जानेंगे।
वृन्दावन का रहस्यमयी मंदिर
वृंदावन में रंगनाथ मंदिर है, जो दक्षिण शैली के आधार पर बना हुआ है। इस मंदिर को ब्रज में रंगजी मंदिर भी करते हैं, क्यों कि यहां भगवान रंगनाथ रहते हैं।
इस मंदिर में एक द्वार है। इसको साल में एक बार खोला जाता है। इसको वैकुण्ठ द्वार कहा जाता है। भक्तों का ऐसा मानना है कि इस द्वार के पीछे भगवान विष्णु के बैकुण्ठ धाम का रास्ता है।
इस द्वार को वैकुण्ठ द्वादशी के दिन ही खोलते हैं। इस दिन ही भगवान रंगनाथ भक्तों को द्वार से दर्शन देते हैं। भक्तों की इस मंदिर को लेकर कई सारी मान्यताएं हैं।
भक्तों का मानना है कि कोई भी व्यक्ति जब मरता है। उसके अच्छे कामों की वजह से उसे वैकुण्ठ धाम मिलता है, तो वह इसी मंदिर से होकर जाता है।
भक्तों का मानना है कि इस मंदिर का दर्शन करने वाले भक्तों पर भगवान विष्णु का हाथ हमेशा बना रहता है। वह उस पर हमेशा अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।