निजी स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं की सांठगांठ और फीस वृद्धि के विरोध में पालक महासंघ ने रविवार को भोपाल रोशनपुरा चौराहे पर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। शैक्षणिक सत्र 2023-24 में लुटने के बाद भी प्रशासन ने अभी वर्तमान शैक्षणिक सत्र लेकर किसी भी प्रकार के ओदश जारी नहीं किए हैं। इस बार भी अभिभावकों को बच्चों के लिए किताबें महंगे दामों पर खरीदना पड़ेंगी। राजधानी समेत प्रदेश भर में कई निजी स्कूलों की बुक सेलर से कमीशनखोरी से अभिभावक लुटने के लिए मजबूर रहते हैं। भोपाल में पहली से आठवीं तक के सीबीएसई स्कूलों में किताबों का कारोबार करीब डेढ़ सौ करोड़ का है।
इस कारोबार में हर साल कमीशनखोरी का खेल खेला जाता है। इस कमीशनखोरी का पैसा अभिभावकों की जेब से जाता है। इस खेल की सांठगांठ नवंबर-दिसंबर महीने से शुरू जाती है। इसमें बुक सेलर निजी स्कूलों से सेटिंग कर मनमाने किताबों की सूची बनवा लेते हैं। राजधानी में भी सीबीएसई स्कूलों में प्री प्रायमरी क्लासों में प्रवेश के साथ यह खेल शुरू हो गया है। इसे रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई पहल शुरू नहीं की गई है। प्रशासन द्वारा हर साल निजी स्कूलों की कमीशनखोरी पर लगाम लगाने के लिए आदेश जारी किए जाते हैं, लेकिन उनका ढंग से पालन नहीं कराया जाता है।
इस साल तो अभी तक आदेश भीजारी नहीं हुए है। स्कूलों द्वारा फीस में भी वृद्धि की जा रही है। इसके विरोध में रविवार को पालक महासंघ ने रोशनपुरा चौराहे पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। अभिभावक जबलपुर कलेक्टर जैसी कार्यवाही भोपाल में चाहते हैं, लेकिन भोपाल का प्रशासन निजी स्कूलों के आगे नतमस्तक है। पालक महासंघ के प्रबोध पंड्या का कहना है कि यह प्रदर्शन निजी स्कूलों की फीस से राहत और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए किया गया है।