नई दिल्ली: डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर अनिल कपूर और आदित्य रॉय कपूर अभिनीत वेब सीरीज द नाइट मैनेजर रिलीज हो गयी है। यह ब्रिटिश सीरीज का भारतीय रूपांतरण है, जिसमें मारवल स्टूडियोज की सुपरहीरो फिल्मों में लोकी का किरदार निभाते रहे टॉम हिडल्टेन मुख्य भूमिका में थे।
यह सीरीज दो पार्ट्स में रिलीज की जा रही है। फिलहाल चार एपिसोड्स जारी किये गये हैं, जिनकी समयावधि औसतन 45 मिनट है। बाकी का हिस्सा जून में रिलीज किया जाएगा, जिसका प्री-कैप आखिरी एपिसोड के साथ नत्थी किया गया है।
डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर अडेप्टेड सीरीजों की लिस्ट काफी लम्बी है। क्रिमिनल जस्टिस से लेकर आउट ऑफ लव तक, ब्रिटिश धारावाहिकों के अडेप्टेशन हैं। इन सीरीजों को काफी सफलता मिली और दर्शकों ने इन्हें पसंद किया था। इस लिस्ट में अब द नाइट मैनेजर का नाम जुड़ गया है।
द नाइट मैनेजर एक स्पाइ-एक्शन थ्रिलर है। संदीप मोदी ने इसका निर्देशन किया है। द नाइट मैनेजर विजुअली अच्छी लगती है। शानदार लोकेशंस, सूट-बूट पहने कलाकार, स्टाइलिश एक्शन, सब कुछ है… मगर फिर भी कुछ खटकता है।
स्पाइ सीरीज में जिस तरह के रोमांच का अनुभव होना चाहिए, वो नहीं होता। दूसरे विदेशी अडेप्टेशन की तरह यह सीरीज स्वाभाविक नहीं लगती। बनावटी होने का एहसास देती है। हालांकि, कहानी का प्रवाह, अभिनय और दृश्यों का संयोजन इसे दर्शनीय जरूर बनाता है।
क्या है सीरीज की कहानी?
शांतनु सेनगुप्ता उर्फ शान सेनगुप्ता नेवी का एक्स लेफ्टिनेंट है और ढाका के द ओरिएंट पर्ल होटल में नाइट मैनेजर है, यहां एक 14 साल की बच्ची सफीना उसे मदद मांगती है, जो होटल के मालिक फ्रेडी रहमान की पत्नी है। फ्रेडी सिर्फ होटल का मालिक नहीं, बल्कि अवैध हथियारों का कारोबार करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का सदस्य है।
सफीना से इस संबंध में सबूत मिलने के बाद शान सेनगुप्ता भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसी की मदद से उसे बचाकर भारत भेजने की कोशिश करता है, मगर कामयाब नहीं हो पाता। फ्रेडी सफीना का कत्ल करवा देता है।
यह अपराधबोध शान को कचोटता रहता है। कुछ वक्त बाद रिसर्च एडमिनिस्ट्रेशन विंग की अधिकारी लिपिका सैकिया राव के कंविंस करने पर शान शैलेंद्र सिंह रूंगटा के गिरोह में अंडरकवर शामिल होकर जासूसी करने लगता है।
क्या शान अपने मकसद में कामयाब हो पाएगा? क्या सफीना की मौत का बदल ले सकेगा? क्या रूंगटा शान को पहले ही पकड़ लेगा? क्या शान रूंगटा के साम्राज्य को खाक में मिला पाएगा? इन सब सवालों के जवाब सीरीज के अगले हिस्से में मिलेंगे।
रिव्यू- द नाइट मैनेजर (The Night Manager)
द नाइट मैनेजर का स्क्रीनप्ले श्रीधर राघवन ने लिखा है, जो पठान के लेखक हैं। सीरीज की शुरुआत शान के पुलिस से बचने के दृश्यों से होती है। इसके बाद कहानी बांग्लादेश के ढाका शहर पहुंच जाती है, जहां के होटल में शान नाइट मैनेजर है।
यहां रोहिंग्या मुसलमानों के विस्थापन के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके चलते मेहमान होटल में कैद होकर गये हैं। शान को इनकी समस्याओं से निपटते हुए दिखाया गया है।
इसी क्रम में उसकी मुलाकात सफीना से होती है। शान की बैकग्राउंड पर समय खर्च नहीं किया गया है। उसे कुछ बुरे सपने आते हैं, जिनका संबंध सेवा में रहते हुए किये गये एक ऑपरेशन से है।
इस ऑपरेशन में शान बच्चों को नहीं बचा सका था। हालांकि, इसके विस्तार में जाने की कोशिश नहीं की गयी है, बस संवादों से काम चला लिया गया है। उसके अतीत का अपराधबोध सफीना के मरने के बाद उभरकर आता है। शान रूंगटा को इसके लिए जिम्मेदार मानता है।
शायद यही वजह है कि वो सैकिया के कहने पर रूंगटा के गिरोह में शामिल हो जाता है। यहां भी उसे एक बच्चा ताहा मिलता है, जो रूंगटा का बेटा है और शान के मिशन का अहम किरदार।