CG : शराब दुकानों के आहता से कमाई तो दूर नहीं निकल रहा महीने का खर्चा, आबकारी विभाग ने कई ठेकेदारो को किया ब्लैकलिस्ट
रायपुर : अहाता चलाना आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया जैसा हो गया है। इसके कारण रायपुर जिले में 15 अहाता ठेकेदारों ने प्रतिभूति राशि एवं लाइसेंस फीस जमा नहीं की है, जिसके कारण आबकारी विभाग ने इन अहातों का ठेका निरस्त कर दिया है। साथ ही इन ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। जिन ठेकेदारों का अहाता अनुबंध निरस्त किया है, उन सभी की जमानत राशि भी जब्त कर ली गई है।
आबकारी विभाग की शर्तों के अनुसार अहाता का ठेका 11 माह मई 2024 से अप्रैल 2025 तक के लिए दिया गया था। अहाता के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए थे, जिसकी शर्त के अनुसार अहाता चलाने के लिए लाइसेंस फीस के साथ प्रतिभूति राशि यानी जितनी राशि में ठेका लिया है, उस राशि को ठेकेदार को 11 माह में विभाजित कर प्रत्येक माह जमा करना था। शुरुआत में ठेकेदार को एक साथ दो महीने की राशि जमा करनी थी।
एक माह की लागत भी नहीं निकल पाई कई ठेकदारों पर चढ़ा कर्ज, हुए गायब
अहाता से लाखों रुपए कमाने का सपना देखकर ठेका लेने वाले कई ठेकेदार विभाग की रिकवरी के नाम से गायब हो चुके हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार जिन अहातों का ठेका निरस्त किया गया है, इनमें ज्यादातर ठेकेदारों ने दो से तीन गुना अधिक बोली लगाकर अहाता लिया है। अहाता में कमाई कम होने के कारण एक माह की लागत भी निकाल नहीं पाए हैं। वहीं कई ऐसे भी हैं जिन्होंने कर्ज लेकर व पार्टनरशिप में ठेका लिया था। ऐसे में अब ठेकेदारों के पास विभाग को पैसा देने के लिए पैसे ही नहीं है। इस कारण वे गायब हो गए हैं।
56 का हुआ था टेंडर, इनमें 5 अहाता 56 लाख से 94 लाख तक बिके थे
रायपुर जिले में 56 देशी-विदेशी शराब दुकानों के पास अहाता खोलने का टेंडर हुआ था। अहातों का टेंडर बोली पद्धति से हुआ था। विभाग ने इसके लिए सभी अहातों का अधिकतम मूल्य निर्धारित किया था। इस निर्धारित मूल्य से अधिकतम बोली लगाने वाले को अहाता ठेका दिया जाना था। इसे देखते हुए लोगों ने भी लालच में आकर निर्धारित बोली से दो से तीन गुना ज्यादा कीमत भरकर ऑनलाइन आवेदन किया था। सबसे महंगा अहाता गंजपारा देशी मदिरा का 94 लाख 47 हजार रुपए में, भाठागांव विदेशी मदिरा अहाता 73 लाख 75 हजार, लभांडी विदेशी मदिरा अहाता 61 लाख 54 हजार रुपये, विदेशी मदिरा जीई रोड अहाता 61 लाख 50 हजार में गया था। इसके अलावा अन्य सभी अहाते भी 30 लाख रुपए से लेकर 57 लाख रुपए तक गए हैं।
जमा राशि जब्त के बाद भी कई ठेकेदारों पर निकल रही बड़ी राशि
ठेका मिलने के बाद कई ठेकेदारों ने दो माह की जगह एक माह की ही राशि जमा कराई है, वहीं कई ठेकेदारों ने पिछले दो माह से राशि ही जमा नहीं कराई है। ऐसे में इन ठेकेदारों की जमा राशि जब्त करने के बाद भी उन पर बड़ी राशि बकाया है, जिसकी वसूली की जानी है।
निरस्त करने दूसरी सूची हो रही तैयार
विभागीय सूत्रों के अनुसार, 56 में 15 अहातों का ठेका निरस्त कर दिया गया है, वहीं एक और सूची तैयार की जा रही है, जिसमें करीब 8 से 10 अहातों के नाम शामिल हैं। इन अहातों के ठेकेदारों ने भी जुलाई में निर्धारित राशि जमा नहीं कराई है। विभाग द्वारा लगातार इन ठेकेदारों को राशि जमा करने कहा जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि राशि जमा नहीं करने पर इन अहातों का ठेका भी निरस्त किया जा सकता है।
विभाग की बढ़ी परेशानी
ठेका निरस्त होने के बाद विभाग की परेशानी और बढ़ गई है। एक ओर जहां विभागीय अधिकारियों को निरस्त किए गए अहातों के लिए रीटेंडर निकालने की तैयारी में जुटना पड़ेगा, वहीं दूसरी ओर ठेकेदारों से पैसा रिकवरी करने की भी जिम्मेदारी रहेगी।
15 अहातों का टेंडर निलंबित
रायपुर आबकारी उपायुक्त विकास गोस्वामी बताया कि, प्रतिभूति राशि एवं लाइसेंस फीस जमा नहीं करने के कारण 15 अहातों का ठेका निलंबित किया गया है। इनके लिए रीटेंडर किया जाएगा। जिन अहातों का ठेका निलंबित किया है, उन ठेकेदारों की जमा राशि जब्त कर ब्लैक लिस्टेड किया है।