शिव पूजा के लिए जैसे सावन का हर सोमवार बहुत मायने रखता है, वैसे ही मां पार्वती की आराधना के लिए सावन का हर मंगलवार महत्वपूर्ण माना गया है। श्रावण महीने के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है। सुहागिन महिलाएं पति और संतान की लंबी आयु के लिए ये व्रत रखती हैं। इस साल सावन का महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू होगा और इसकी समाप्ति 31 अगस्त को होगी। आइए जानते हैं इस बार मंगला गौरी व्रत कब है।
मंगला गौरी व्रत: तिथि
इस साल सावन 4 जुलाई को शुरू हो रहा है, इस दिन मंगलवार है। इसीलिए साल का पहला मंगला गौरी व्रत 4 जुलाई को ही रखा जाएगा। इस साल अधिक मास होने की वजह से सावन 58 दिन यानी लगभग 2 महीने का होगा, इसीलिए सावन के महीने में कुल 9 मंगला गौरी व्रत रखे जाएंगे।
जानिए इसका महत्व
सावन के हर मंगलवार को मां मंगला गौरी की उपासना करने वालों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। विवाहित स्त्रियों के लिए ये व्रत बहुत खास होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। कुंवारी लड़कियां मनभावन पति पाने के लिए शिव को पूजती हैं और माता गौरी की पूजा अखंड सौभाग्य के लिए की जाती है। अगर शादीशुदा जिंदगी में कोई परेशानी आ रही है तो माता मंगला गौरी व्रत करना शुभफलदायी होता है।
पूजन विधि
मंगलवार के दिन ब्रह्म महूर्त में उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ कपडे़ धारण करें। इस दिन गुलाबी, हरा, पीला या लाल रंग के वस्त्र पहनें। पूजा घर की साफ सफाई कर उत्तर-पूर्व दिशा में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर माता गौरी की तस्वीर को विराजमान करें। माता को पूजा-अर्चना के दौरान उन्हें लौंग, सुपारी, नारियल, इलायची और मेवा-मिठाई आदि चढाएं। इस दौरान माता की व्रत कथा जरूर पढ़ें और फिर आरती के साथ ही पूजा का समापन करें। इस दिन सुहागिनों को श्रृंगार दान करना काफी शुभ माना जाता है।