साल में एक बार दशहरा के दिन खुलता है इस मंदिर का पट, ‘दर्शन करने मात्र से पूरी होती हैं मुरादें’

रायपुर : आज देश-प्रदेश में विजयादशमी का पर्व धूमधााम से मनाया जा रहा है। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक त्योहार दशहरा पर लोग सुबह से ही रावण दहन की तैयारी में लग जाते हैं। सुबह में जहां शस्त्रों की पूजा होती है। वहीं शाम को लोग रावण का दहन करते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं रायपुर का एक ऐसा मंदिर जो साल में केवल एक दिन के लिए सिर्फ दशहरा पर ही खुलता है। पंडित शस्त्र पूजा के लिए इस मंदिर के पट को खोलते हैं।

इस दौरान दर्शन करने के लिए रायपुर समेत आस-पास के जिलों से लोग बड़ी संख्या में  पहुंचते हैं। सुबह 6 से रात 12 बजे तक पूजा अर्चना की जाती है। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर में देखने को मिलती है। रायपुर के इस मंदिर को कंकाली मठ के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कंकाली माता प्रकट होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। यहां पर लोग प्रसाद के रूप में सोनपत्ती को चढ़ाते हैं। पूजा सामग्री अर्पित कर माता रानी की पूजा करते हैं। रात 12 बजे के बाद मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं।

मां आदिशक्ति के रूप इस मंदिर में कंकाली माता की पूजा की जाती है। विजयादशमी पर मंदिर में शस्त्रों की पूजा की जाती है। इसके बाद लोग देवी के दर्शन करने के लिए उमड़ते हैं। आमतौर पर जहां मंदिरों में रोज पूजा अर्चना होती है लेकिन कंकाली मंदिर में केवल दशहरा के दिन ही पूजा की जाती है। इसके बाद सालभर के लिए बंद कर दिया जाता है। फिर दशहरा पर ही मंदिर का पट खुलता है।
कंकाली मठ के महंत शंकर गिरी ने बताया कि वर्षों पूर्व नागा साधु इस मंदिर की देखरेख करते थे। साल 1980 में नागा साधुओं ने महंत शंकर गिरी के हवाले इस मंदिर को कर दिया। फिर मठ के महंत शंकर गिरी ने मंदिर के प्रांगण में जीवित समाधि ले ली थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button