बिलासपुर। बिलासपुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी व बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक शिक्षा के पद पर रहे रामानंद हीराधर के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति मामले में आज जिला न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। आज आय से अधिक संपत्ति मामले में चालान जिला न्यायालय में पेश किया गया। जिसके बाद अदालत ने पूर्व संयुक्त संचालक शिक्षा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक रामानंद हीराधार बिलासपुर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर भी रहे थे। इस दौरान आय से अधिक संपत्ति बनाने के मामले में उनकी शिकायत हुई थी। मामले में जांच के बाद कुल 1 करोड़ 43 लाख रुपए की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर के निरीक्षक सी तिग्गा को प्रार्थी बनाकर 24 जून 2021 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (बी) व 13 ( 2) के तहत अपराध दर्ज किया गया था। रामानंद हीराधर ने अपने पद का फायदा उठा भ्रष्टाचार कर अपनी अपनी पत्नी व अपने दोनो बच्चों के नाम से कांकेर जिले के टिकरा व मानकेसरी गांव, रायपुर के अभनपुर, बायरन बाजार बिलासपुर के चांटीडीह, gf व मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में इन्वेस्टमेंट की रकम की जानकारी जांच में मिली थी।
पर्याप्त साक्ष्य के बाद भी आरोपी हीराधर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की जल्द से जल्द जांच कर कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में जानकारी दी गई थी कि एसीबी में बार-बार आवेदन देने के बाद भी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ाई जा रही है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एन के चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में हुई। सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने एसीबी के एसपी को 6 सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर सीआरपीसी की धारा 173/2 के तहत ट्रायल कोर्ट में चालान जमा करने के निर्देश दिए थे।
अदालत के आदेश के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच पूरी कर बिना गिरफ्तारी के ही विशेष न्यायाधीश आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो सुनील कुमार जायसवाल की अदालत में आरोपी आरएन हीराधार के खिलाफ चालान पेश किया। चालान पेश होने के बाद अदालत ने आरोपी आरएन हीराधार की गिरफ्तारी के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। वहीं गिरफ्तारी वारंट की जानकारी लगते ही आरोपी संयुक्त संचालक शिक्षा रहें रामानंद हीराधर ने अग्रिम जमानत याचिका भी प्रस्तुत कर दी है। जिसकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत में 7 दिसंबर को होने वाली है। बता दे की आरएन हीराधार कुछ माह पहले ही सेवानिवृत हो चुके हैं।