घर की इस दिशा में बना बाथरूम होता है अशुभ, परिवार में छा जाती हैं कंगाली

वास्तु में घर के हर एक भाग को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। घर में बाथरूम में यदि किसी प्रकार का दोष हो तो भी इसका प्रभाव घर के सभी सदस्यों पर पड़ता है। बाथरूम से जुड़ी हुई कुछ बातों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। अन्यथा यह आपके घर में  वास्तुदोष है। अगर कोई चीज वास्तु के अनुसार सही ना हो तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। जिसके कारण घर के सदस्यों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं बाथरूम में वास्तु का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। बाथरूम से जुड़ी इन खास नियमों का जरूर ध्यान रखना चाहिए।

बाथरूम की दिशा

वास्तुशास्त्र के अनुसार बाथरूम कभी भी दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए। इससे घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। अक्सर घर में कोई न कोई बीमार होता रहता है।

अग्नि की दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा अग्नि की दिशा मानी जाती है। इसलिए इस दिशा में पानी की बाल्टी, शाॅवर या नल नहीं होना चाहिए। नल या शाॅवर को उत्तर दिशा में लगवा सकते हैं। ये जल की दिशा मानी जाती है।

हल्का रंग करवाएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम में हमेशा हल्के रंग जैसे हल्का पीला, हल्का हरा आदि उपयोग करना चाहिए। वहीं सफेद रंग भी बाथरूम के लिए अच्छा माना जाता है।

इस कलर बाल्टी रखें

वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम में ब्लू कलर की बाल्टी और मग रखना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में बरकत होती है। वहीं काले और लाल रंग की बाल्टी का बाथरूम में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

न लगाएं शीशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम में शीशा लगाने की भी मनाही होती है। कहा जाता है कि शीशा एनर्जी रिफ्लेक्ट करता है। बाथरूम में सबसे ज्यादा नेगेटिव एनर्जी होती है। इसलिए यहां शीशा लगाने से बचना चाहिए।

मेन गेट के सामने न हो

वास्तु के अनुसार किचन के सामने या मेन गेट के सामने कभी भी बाथरूम नहीं बनवाना चाहिए। इससे घर में  वास्तु दोष होते हैं। साथ ही बाथरूम की टॉयलेट सीट हमेशा पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button