Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति मोहम्मद शाहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग करते हुए ढाका के बंगा भवन का घेराव (Protesters siege presidential palace) कर लिया है। इन विरोधों की शुरुआत जुलाई में नौकरी कोटे के खिलाफ हुई थी, लेकिन अब यह आंदोलन हसीना सरकार और राष्ट्रपति के खिलाफ सख्त मांगों में बदल गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति शाहाबुद्दीन हसीना सरकार के समर्थक(Crony of Hasina) हैं और उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
छात्रों की पांच सूत्रीय मांगें
इस आंदोलन का नेतृत्व एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट कर रहा है। मंगलवार को ढाका के केंद्रीय शहीद मीनार पर एक बड़ी रैली हुई, जिसमें छात्रों ने पांच सूत्रीय मांगों को रखा। (Anti-discrimination Student Movement) उनकी प्रमुख मांगों में 1972 के संविधान को समाप्त कर एक नया संविधान बनाने की बात है, जो 2024 की परिस्थिति को दर्शाए। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रपति के इस्तीफे और अवामी लीग के छात्र संगठन ‘बांग्लादेश छत्र लीग’ पर प्रतिबंध की भी मांग की है।
इस आंदोलन का नेतृत्व एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट कर रहा है। मंगलवार को ढाका के केंद्रीय शहीद मीनार पर एक बड़ी रैली हुई, जिसमें छात्रों ने पांच सूत्रीय मांगों को रखा। (Anti-discrimination Student Movement) उनकी प्रमुख मांगों में 1972 के संविधान को समाप्त कर एक नया संविधान बनाने की बात है, जो 2024 की परिस्थिति को दर्शाए। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रपति के इस्तीफे और अवामी लीग के छात्र संगठन ‘बांग्लादेश छत्र लीग’ पर प्रतिबंध की भी मांग की है।