महासमुंद में शिक्षकों का काउंसलिंग प्रक्रिया के खिलाफ हंगामा, नियमविरुद्ध होने का आरोप

महासमुंद। जिले में मिडिल और हाईस्कूल स्तर पर विभिन्न विषयों के रिक्त 256 पदों के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिला पंचायत सभागार में आज काउंसलिंग आयोजित की गई। यह प्रक्रिया अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के तहत की जा रही थी, लेकिन जल्द ही यह विवादों में घिर गई।

सर्व शिक्षक साझा मंच के बैनर तले जिले भर से जुटे शिक्षक काउंसलिंग का विरोध करने जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे और जमकर नारेबाजी की

नियमों की अनदेखी का आरोप

प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का आरोप है कि काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। उनका कहना है कि पहले रिक्त पदों की सूची सार्वजनिक कर दावा-आपत्ति का अवसर दिया जाना चाहिए था। लेकिन बिना वरिष्ठता और कनिष्ठता का ध्यान रखे सीधे काउंसलिंग की जा रही है, जो न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि शिक्षकों के हितों के साथ खिलवाड़ है।

शिक्षकों ने मांग की है कि

  • 2008 का सेटअप तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
  • काउंसलिंग प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के अनुरूप हो।
  • जब तक प्रक्रिया में संशोधन नहीं होता, काउंसलिंग का बहिष्कार जारी रहेगा।

प्रशासन का पक्ष

इस पूरे विवाद पर कलेक्टर का कहना है कि काउंसलिंग शासन से मिले स्पष्ट दिशा-निर्देशों के आधार पर की जा रही है, जिसमें दावा-आपत्ति की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की चिंताओं पर बातचीत के लिए प्रशासन तैयार है और स्थिति को सुलझाने की कोशिश की जाएगी।

गौरतलब है कि आगामी 2 जून को प्राथमिक शालाओं में रिक्त 445 पदों के लिए सहायक शिक्षक और प्रधानपाठकों की काउंसलिंग होनी है। मौजूदा विरोध को देखते हुए इस प्रक्रिया पर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं

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