तमिलनाडु के राज्यपाल ने डीएमके सरकार पर साधा निशाना, कहा “दलितों के खिलाफ अपराध को रोकने में विफल रही सरकार”

चेन्नई (तमिलनाडु) : तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने डीएमके सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने दलितों के खिलाफ हमलों की संख्या में वृद्धि के लिए डीएमके सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि दलितों के खिलाफ कथित अपराधों को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन और आपराधिक न्याय प्रणाली ‘भयानक’ रूप से विफल रही है।

 

दलितों के खिलाफ हो रहा अत्याचार

तमिलनाडु के गवर्नर आर एन रवि ने चेन्नई गुइंडी अन्ना विश्वविद्यालय में ‘मोदी @ 20’ (ड्रीम्स मीट डिलीवरी) और ‘अंबेडकर एंड मोदी (रिफॉर्मर्स आइडिया, परफॉर्मर्स इम्प्लीमेंटेशन)’ पुस्तक के तमिल संस्करण के लॉन्च के मौके पर कहा, ‘हमारे राज्य में हम सामाजिक न्याय के बारे में बहुत कुछ बोलते हैं लेकिन हर दूसरे दिन आप दलितों के खिलाफ कुछ अत्याचार सुनते हैं।’ उन्होंने ये भी कहा कि सभी को प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा करना चाहिए क्योंकि ‘उनकी वजह से, हर कोई अंबेडकर के बारे में सोचने लगा है।’

राजनीति के लिए अंबेडकर के नाम का होता है इस्तेमाल

राज्यपाल ने कहा, ‘पहले लोग राजनीति के लिए बीआर अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करते थे। लोग किसी पर आरोप लगाने या खुद की प्रशंसा करने के लिए उनके नाम की कसम खाते थे।’ अंबेडकर को एक महान राष्ट्रवादी बताते हुए, रवि ने कहा कि जब अंग्रेजों ने देश को विभाजित करने के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए एक अलग निर्वाचक मंडल बनाने की कोशिश की तो अंबेडकर एक चट्टान की तरह खड़े थे।

विभाजन को टाला जा सकता था

रवि ने कहा, ‘अगर हमने अंबेडकर की बात सुनी होती, तो विभाजन को टाला जा सकता था या यह उतना नाटकीय नहीं होता। हजारों लोग मारे गए और लाखों लोग बेघर हो गए। विभाजन कम दर्दनाक हो सकता था। लेकिन हमने उनकी बात नहीं मानी।’ राज्यपाल ने कहा, ‘जब दलितों के खिलाफ अपराध की बात आती है, तो कानून प्रवर्तन अधिकारियों और आपराधिक न्याय प्रणाली की प्रतिक्रिया राज्य में भयानक है।’

दलितों को किया जाता है अपमानित

पिछले महीने रिपोर्ट की गई वेंगाइवल घटना की भी निंदा की जिसमें पानी की टंकियों में मानव मल पाया गया था। राज्यपाल रवि ने कहा, ‘दलित कॉलोनी के पानी के टैंकों में मानव मल डाला जाता है। उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जा रहा है और उन पर हमला किया जा रहा है या उन्हें मंदिरों या आंगनवाड़ी स्कूलों में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।’

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