सुशासन तिहार : जनभागीदारी से लोककल्याण की यात्रा का हुआ समापन, सीएम साय ने साझा किया अनुभव

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सुशासन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित सुशासन तिहार का समापन शनिवार को धमतरी में हुआ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अभियान की पूर्णाहुति पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा करते हुए इस यात्रा को अपने जीवन की ‘मूल्यवान थाती’ बताया।

मुख्यमंत्री साय ने लिखा कि, 8 अप्रैल से शुरू हुए सुशासन तिहार का शनिवार धमतरी में समापन हुआ। इस दौरान मैंने प्रदेश के 33 जिलों का भ्रमण किया, गांवों में जन चौपाल लगाकर लोगों से सीधे संवाद किया, उनकी समस्याएं सुनीं और समाधान सुनिश्चित किया।

सरकार की नीतियों से जनता के जीवन में सकरात्मकता

उन्होंने बताया कि, जिला मुख्यालयों में समीक्षा बैठकों के माध्यम से योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति को परखा गया। उन्होंने स्कूलों, अस्पतालों, आंगनबाड़ियों, राशन दुकानों, पीएम आवासों और निर्माणाधीन परियोजनाओं का स्वयं निरीक्षण कर यह जाना कि, सरकार की नीतियां कैसे आमजन के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमारी सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि जनता को योजनाओं का पूरा लाभ मिले और हमारी नीतियां जमीन पर दिखें। सुशासन तिहार के दौरान मिले जन सुझावों से शासन को और अधिक उत्तरदायी, पारदर्शी और संवेदनशील बनाने की दिशा में मार्गदर्शन मिला है।

पांच हज़ार शिक्षकों की नियुक्ति की योजना

उन्होंने यह भी घोषणा की कि, इस अभियान के दौरान प्रदेश में स्कूलों के युक्तियुक्तकरण जैसा महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसका सकारात्मक असर आने वाले समय में बच्चों के भविष्य पर पड़ेगा। साथ ही शिक्षकों की चरणबद्ध भर्ती का निर्णय लेते हुए पहले चरण में 5000 शिक्षकों की नियुक्ति की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री साय ने यह भी स्पष्ट किया कि, यह यात्रा  यहीं समाप्त नहीं होती। सुशासन तिहार के माध्यम से सरकार जनता के द्वार ‘तक पहुंची है और यह विश्वास और अधिक दृढ़ हुआ है कि सरकार प्रदेश के विकास और लोककल्याण में सतत रूप से समर्पित है।

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